स्वागत द्वारों पर महापुरुषों के साथ लगे नेताओं के फोटो पर भगतसिंह मैत्री संस्था ने जताई आपति
सिद्धार्थ राव, बहादुरगढ़। शहर में देश के अमर बलिदानियों और महापुरुषों के नाम पर बने विभिन्न वार्डों और चौक-चौराहों पर लगे स्वागत द्वारों पर पार्षदों और अन्य नेताओं के नाम और चित्र हटवाने को लेकर भगत सिंह मैत्री संस्था ने शुक्रवार को एसडीएम अनिल यादव को ज्ञापन सौंपा। संस्था ने एसडीएम को मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि पार्षद और नेता महापुरुषों के साथ अपने चित्र लगाकर कहीं ना कहीं खुद को महापुरुषों के समतुल्य घोषित करने पर तुले हुए हैं। वैसे भी एक बार जनप्रतिनिधि बनने पर यह पार्षद और नेता कैसे किसी वार्ड के स्वागत द्वार या चौक-चौराहे पर आजीवन अपना नाम और चित्र अंकित कर सकते हैं? और वह भी सरकारी खर्चे पर। ऐसे तो हर नया पार्षद या नेता अपने-अपने कार्यकाल में अपने प्रचार के लिए सरकारी फंड का दुरुपयोग करता रहेगा। जबकि वह समाज सेवा के नाम पर राजनीति में आते हैं।
संस्था के अध्यक्ष प्रदीप यादव ने ज्ञापन के माध्यम से शहर में बने सभी स्वागत द्वारों और चौक-चौराहों पर हुए नामकरण और चित्र लगाने की प्रक्रिया की जांच कराने की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि स्वागत द्वारों पर सिर्फ़ और सिर्फ़ महापुरुषों और अमर शहीदों या क्षेत्र और देश का नाम रोशन करने वाले लोगों के नाम और चित्र ही अंकित होने चाहिएं। इससे न केवल महापुरुषों का उचित सम्मान होगा बल्कि समाज सेवा के नाम पर राजनीति में आये नेताओं द्वारा सरकारी फंड से अपना प्रचार करने की कुव्यवस्था पर भी रोक लगेगी।
इस अवसर पर भगतसिंह मैत्री संस्था की तरफ से समाजसेवी सत्येन्द्र दहिया, कमल अरोड़ा, प्रवीण मान, धनराज तहलान, नीटू अहलावत, अंशुल खत्री, सतपाल सिंह और प्रदीप वर्मा आदि मौजूद रहे।
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एसडीएम ने संस्था के प्रयासों को सराहा:
एसडीएम अनिल यादव ने शहर के मेट्रो पिलरों पर भगत सिंह मैत्री संस्था द्वारा अंकित करवाई जा रही महापुरुषों और देश के अमर बलिदानियों के चित्रकारी के कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि शहर को सुंदर बनाने में संस्था बेहतरीन कार्य कर रही है। स्वागत द्वारों पर पार्षदों और नेताओं के चित्र हटवाने पर संस्था की मांग पर एसडीएम ने कहा कि संस्था की मांग उचित है और जल्द ही इस पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी। इसी कड़ी में शहर की सडकों पर लगे नेताओं के साइन बोर्ड हटाने का कार्य पहले ही शुरू कर दिया गया है।