राष्ट्रीय

 ‘जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित

कोलकाता, 29 अक्टूबर। वेस्ट बंगाल फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन (वेबफ्यूना) और गौड़िय मिशन के संयुक्त तत्वाधान में कोलकाता में “जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां और संयुक्त राष्ट्र की भूमिका” विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। शनिवार को आयोजित हुई इस संगोष्ठी के दौरान मिशन परिसर में संयुक्त राष्ट्र शांति अध्ययन केंद्र और पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया गया।

कोलकाता के बाग बाजार में स्थित गौड़िय मिशन परिसर में इस लाइब्रेरी की स्थापना की गई है, जिसके उद्घाटन अवसर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के महावाणिज्य दूत मेलिंडा पावेक, ब्रिटेन के उप उच्चायुक्त निकोलस ला, नेपाल के महावाणिज्य दूत यशोर राज पौडेल, वेबप्यूना के अध्यक्ष सीताराम शर्मा, प्रतिष्ठित लेखक अशोक धर के साथ गौड़िय मिशन के महाराज और आचार्य श्रीमद् भक्ति सुंदर सन्यासी गोस्वामी उपस्थित थे।

कार्यक्रम में मिशन के अध्यक्ष गोस्वामी महाराज ने कहा कि मिशन परिसर में स्थापित पुस्तकालय कोलकाता और दुनिया भर के लोगों को विश्व भर में शांति स्थापित करने और मानवता के लिए संयुक्त राष्ट्र के कार्यों से अवगत कराएगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास रहने के लिए एक ही धरती है और इस पर रह रही मानव जाति और मानवता के लिए तमाम खतरे मौजूद हैं। इन खतरों में सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां हैं। इससे निपटने के लिए दुनिया भर के देशों को एकजुट होकर जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए काम करना होगा। कार्बन उत्सर्जन और प्रदूषण की वजह से लगातार हो रहे जलवायु परिवर्तन के कारण मानव जाति और धरती के इकोसिस्टम में मौजूद अन्य जीव-जंतु लगातार बीमार पड़ रहे हैं। खाद्य प्रणाली, जैविक विविधता और जीवन को वैश्विक स्तर पर खतरा है। अगर जलवायु परिवर्तन के कारणों और उसके दुष्प्रभाव पर रोक नहीं लगाई गई तो धरती पर जीवन नहीं बचेगा। यह न केवल मानवता बल्कि सृष्टि का अंत होगा।

वेबफ्यूना के अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक आपातकाल की तरह है जिसका मुकाबला करने के लिए दुनिया भर के प्रबुद्ध मानवीय समुदाय को एकजुट होकर आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि विश्व में रह रहे वे लोग जो बेहद कमजोर हैं उनके लिए खतरे लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसकी वजह से अनगिनत जीव-जंतु अपना अस्तित्व पहले ही खो चुके हैं और अब धीरे-धीरे मानवता पर भी खतरा है।

मिलिंडा पावेक, निकोलस ला, यशोर राज पौडेल और अशोक धर ने भी अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को रेखांकित किया और वैश्विक समुदाय को एकजुट होकर इसके मुकाबले के लिए कदम बढ़ाने की अपील की। सभी ने मिशन परिसर में स्थापित लाइब्रेरी की भी सराहना की। वक्ताओं ने कहा कि इससे न केवल पुस्तक प्रेमियों, बल्कि वैश्विक स्तर पर मानवीय चुनौतियों को समझने की ललक रखने वालों को जानकारी हासिल करने में मदद मिलेगी।

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