आम लोग भी भगवान की प्रेरणा लेकर उनकी तरह जी सकते: मंत्री सुरेन्द्र
नई दिल्ली, 29 सितंबर। विश्व हिन्दू परिषद के मंत्री सुरेन्द्र ने कहा कि सभी देवी देवताओं में भगवान राम ही चमत्कारिक नहीं हैं। इसलिए हम उनसे प्रेरणा लेकर उनकी तरह जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम के जीवन चरित्र से सारे विश्व को रामायण के माध्यम से अवगत कराने के लिए सारा हिन्दू समाज सदा-सदा के लिए आदि कवि भगवान वाल्मीकि जी का ऋणी रहेगा। केवल रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसका सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाले इंडोनेशिया में भी मंचन होता है। भारत भूमि में भी जिस कथा का सर्वाधिक मंचन होता है वह रामायण ही है।
विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्गत दिल्ली में 600 से अधिक रामलीलाएं होती हैं वहां भगवान वाल्मीकि जी का चित्र पहले की तरह आगे भी लगता रहेगा, साथ ही आरती के समय वाल्मीकि समाज के प्रमुख बंधुओं को बुलाकर रामलीला की आरती में सम्मिलित किया जाता रहेगा।
उन्होंने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी की शोभायात्रा व गुणगान केवल वाल्मीकि समाज के लोगों का ही काम नहीं होना चाहिए क्योंकि वो तो सम्पूर्ण समाज के हैं इसलिए उनकी शोभायात्रा में सम्पूर्ण समाज को योगदान करना चाहिए।
वहीं, करोलबाग जिला संघचालक अशोक सचदेवा ने बताया कि वाल्मीकि जयंती पर निकाले जाने वाली शोभायात्रा में सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, संघ की विभिन्न धार्मिक संस्थाओं व स्वयंसेवकों का हर प्रकार का सहयोग रहता है, जो आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा द्वारा निकाली जाने वाली राम नवमी की शोभायात्रा में भी भगवान वाल्मीकि जी की झांकी पहले से शामिल की जाती रही है। पूर्व की भांति भगवान वाल्मीकि जी की इस बार होने वाली भव्य शोभायात्रा में सभी तरह का सहयोग भगवान वाल्मीकि जन्मोत्सव कमेटी दिल्ली प्रदेश को दिया जाएगा।
कार्यक्रम के समापन पर भगवान वाल्मीकि जन्मोत्सव कमेटी दिल्ली प्रांत की ओर से सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली को शोभायात्रा के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया गया। यह शोभा यात्रा 9 अक्टूबर को दोपहर 2:30 बजे ऐतिहासिक लाल किले से चलकर मंदिर मार्ग स्थित प्राचीन वाल्मीकि मंदिर में संपन्न होगी। शोभा यात्रा से पूर्व ऐतिहासिक लाल किला मैदान में भगवान वाल्मीकि जन्मोत्सव हेतु मंच पर कार्यक्रम रहेगा।
इस अवसर पर सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली प्रान्त के अध्यक्ष भूषण लाल जी पाराशर, स्वदेश चड्डा, बलबीर जी और अन्य सदस्य उपस्थित रहे, भगवान वाल्मीकि जन्मोत्सव समिति के महासचिव नरेश बहोत, अध्यक्ष मनोज सांगवान, संरक्षक अनिल पिहाल, प्रमुख महासचिव प्रमोद कक्कड़, रोहित ढिलोड़ एवं अन्य सदस्य सम्मिलित हुए।