राष्ट्रीय

करणी सेना का भोपाल के जंबूरी मैदान में बड़ा शक्ति प्रदर्शन

भोपाल, 08 जनवरी। आर्थिक आधार पर आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध सहित 21 सूत्री मांगों को लेकर रविवार को भोपाल के बीएचईएल जंबूरी मैदान पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का आंदोलन शुरू हो गया है। सुबह से ही यहां करणी सेना से जुड़े लोगों का आना शुरू हो गया था और दोपहर 12 बजे तक जंबूरी मैदान पर लाखों की संख्या में लोग एकत्रित हो चुके थे। इस आंदोलन की वजह से भेल के आस-पास की सड़कों पर जाम लग गया। भीड़ बढ़ती देख ट्रैफिक पुलिस ने जंबूरी मैदान की ओर जाने वाले रास्तों पर यातायात में बदलाव किया है।

अपनी 21 सूत्री मांगों को लेकर करणी सेना द्वारा रविवार को भोपाल में शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। करणी सेना के इस आंदोलन में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से करीब तीन लाख लोगों के जुटने का दावा किया गया है। इस आंदोलन में अन्य समाज का भी समर्थन मिला है। ब्राह्मण और पाटीदार समाज के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। जंबूरी मैदान का नजारा देखकर लग रहा है कि मानो यहां जनसैलाब उमड़ पड़ा है। बीएचईएल महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी, आनंद नगर तक भीड़ जमा है और रास्ते पूरी तरह से जाम हो गए हैं। युवा और करणी सेना के लोग ‘माई के लाल’ के नारे लगा रहे हैं।

करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि हमारी मांगें नहीं मानीं तो हम राजनीति में उतरने से भी परहेज नहीं करेंगे। सवर्णों, पिछड़ा वर्ग का साथ भी हमें मिल रहा है। हम व्यवस्था सुधार के लिए यह आंदोलन कर रहे हैं। जीवन सिंह शेरपुर ने यहां भूख हड़ताल शुरू कर दी है। शक्ति प्रदर्शन में राजस्थान के गैंगस्टर दिवंगत आनंदपाल सिंह का भाई भी पहुंचा है। वह राजस्थान से करीब 70 गाड़ियां लेकर भोपाल आया है। मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के विधायक रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया का कार्यक्रम निरस्त हो गया है। फ्लाइट छूट जाने की वजह से वह भोपाल नहीं आ पाए।

करणी सेना के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रदीप राजपूत ने कहा कि जनांदोलन में कई समाजों के लोग शामिल हो रहे हैं। हमारे आंदोलन को दबाने के लिए जंबूरी मैदान के आसपास शेड की चादरें लगाई गईं। लोग भोजन का प्रबंध करके आए हैं। वहीं करणी सेना परिवार के योगेंद्र सिंह ने बताया कि दो लाख के करीब राजपूत आंदोलन का हिस्सा बनेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलन को रोकने के लिए सरकार ने तमाम प्रयास किए। आयोजन की अनुमति बड़ी मुश्किल से मिली। कई जिलों में बसों के परमिट नहीं दिए जा रहे हैं, इसलिए जिला स्तर पर भी आंदोलन करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले राजपूत समाज के कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर अपनी मांगों के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा था। तीन दिन पहले मुख्यमंत्री आवास में क्षत्रिय समागम कार्यक्रम भी आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने रानी पद्मावती का स्मारक बनाने का ऐलान करते हुए महाराणा प्रताप जयंती पर छुट्टी करने सहित अनेक घोषणाएं की थीं। उन्होंने मनुआभान टेकरी पहुंचकर रानी पद्मावती की प्रतिमा स्थापना के लिए भूमिपूजन भी किया था।

इस आंदोलन में आसपास के राज्यों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचेंगे, यह खुफिया विभाग भी आकलन नहीं कर पाया। लोकल इंटेलिजेंस के पास 30 हजार से 40 हजार लोगों के पहुंचने की सूचना थी। इसमें एक गुट ने पहले से ही आठ जनवरी को जंबूरी मैदान में सम्मेलन की अनुमति पुलिस आयुक्त से ले रखी थी।

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