हरियाणा

तहसीलदार के नाम पर दस हजार रुपये रिश्वत लेते हुए अधिवक्ता व एचबीएस का कर्मचारी गिरफ्तार

सोनीपत
जिला विजिलेंस टीम ने भवन ट्रांसफर की एनओसी जारी कराने के लिए तहसीलदार के नाम पर रिश्वत लेते एचबीएस (हाउसिंग बोर्ड सोसायटी)के लिपिक (मोटरमैट) वीरेंद्र कुमार और अधिवक्ता अरुण शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को अलग-अलग स्थान से गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान अधिवक्ता की गिरफ्तारी का जबरदस्त विरोध किया गया। बार एसोसिएशन के सदस्यों ने विजिलेंस आफिस के बाहर भी हंगामा किया। विजिलेंस ने दोनों को न्यायालय में पेश कर दिया। अधिवक्ता के पास से रिश्वत के 10 हजार रुपये बरामद कर लिए गए हैं।
गांव भदाना निवासी राजेश ने बताया कि उसने दिल्ली के रहने वाले जयनारायण शर्मा का हाउसिंग बोर्ड सोसायटी सेक्टर-23 में 33.31 वर्ग मीटर का आवास खरीदा था। संपत्ति का स्वामित्व बदलवाने के लिए एनओसी की जरूरत थी। राजेश कुमार ने इस संदर्भ में हाउसिंग बोर्ड सोसायटी के आफिस और तहसील आफिस के कई चक्कर लगाए, लेकिन कार्य नहीं हुआ। उसके बाद तहसील कार्यालय से बताया गया कि एचबीएस के मोटरमैट की रिपोर्ट लगवाकर लाओ, उसके बाद नोड्यूज जारी किया जाएगा। तब भवन का स्वामित्व बदला जा सकेगा। राजेश कुमार ने विजिलेंस को बताया कि उनसे आठ हजार रुपये फाइल खर्च और 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। विजिलेंस ने मामला दर्ज कर इंस्पेक्टर कविता दलाल के नेतृत्व में टीम का गठन किया। शासन ने जीएसटी के डीईटीसी डा. सुरेंद्र लाठर को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। राजेश कुमार ने लिपिक वीरेंद्र को काल करके रुपये लेने को कहा। उसने बताया कि अधिवक्ता अरुण शर्मा अपने आफिस(खोखा) संख्या 24 पर पर है। रुपये उनको दे दो।
गठित विजिलेंस टीम ने अधिवक्ता को किया काबू-
राजेश कुमार के साथ विजिलेंस की टीम अधिवक्ता के आफिस पर पहुंची। अधिवक्ता ने राजेश को बताया कि लिपिक वीरेंद्र की काल आई है, आप रुपये दे दो, काम हो जाएगा। राजेश से रुपये लेकर अधिवक्ता अरुण शर्मा ने गिनकर जैसे ही जेब में रखे, टीम ने उनको दबोच लिया। इसी दौरान दूसरी टीम ने लिपिक वीरेंद्र को भी सेक्टर-23 से गिरफ्तार कर लिया।
अधिवक्ता की गिरफ्तारी के बाद बार एसोसिएशन का कार्यालय के बाहर हंगामा-
बार एसोसिशन के प्रधान संदीप शर्मा स्वीटी ने विजिलेंस की कार्रवाई का जोरदार विरोध किया। उन्होंने टीम को कार्रवाई के दौरान रोक लिया और साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा। विजिलेंस टीम अधिवक्ता को लेकर अपने आफिस में जा पहुंची। उसके बाद सैकड़ों अधिवक्ताओं ने विजिलेंस आफिस के बाहर हंगामा किया। अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार करके अधिवक्ता को बेवजह फंसाने का आरोप लगाया। हालांकि विजिलेंस ने अधिवक्ता को छोड़ने से इंकार कर दिया। उसके बाद अधिवक्ताओं ने जिला जज से मुलाकात की और बेमियादी हड़ताल करने का ऐलान कर दिया।
तहसील कार्यालय में मचा हडकंप, कार्यालय बंद कर निकले कर्मचारी-
विजिलेंस टीम द्वारा की जा रही कार्यवाही को लेकर तहसील कार्यालय में बैठने वाले कर्मचारियों व गैर कर्मचारियों में भय का माहौल बना रहता है। करीब एक सप्ताह से डर के चलते तहसील में सरकारी कर्मचारियों की मदद करवाने के लिए गैर कानूनी तरीके से बैठे युवकों में भय बना हुआ है। मंगलवा को हुई कार्यवाही के डर के चलते तहसील कार्यालयों के दरवाजे बंद हो गए।
वर्जन
अधिवक्ता व हाउसिंग बोर्ड के लिपिक को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया है। फाइल खर्च के आठ हजार रुपये आरोपित पहले ले चुके थे, अब रिश्वत की मांग की जा रही है। दोनों को न्यायालय में पेश किया गया है। विजिलेंस के पास दोनों को गिरफ्तार करने के पर्याप्त तथ्य है।

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