भाजपा ने मॉक विधानसभा में केजरीवाल की शिक्षा मॉडल को छलावा करार दिया
नई दिल्ली, 27 अगस्त। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने शनिवार को मॉक विधानसभा में शुक्रवार को बुलाए गए दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र को असंवैधानिक करार दिया। भाजपा नेताओं ने इस मॉक विधानसभा में केजरीवाल सरकार की शराब नीति, शिक्षा और दिल्ली विकास मॉडल को छलावा करार दिया।
मॉक विधानसभा सत्र का आयोजन जनपथ के डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशल सेंटर में किया गया। सभागार को विधानसभा का ही रूप दिया गया। मॉक विधानसभा सत्र में पूर्व विधायक बरखा सिंह ने स्पीकर की भूमिका अदा की। सदस्यों ने नियम-280 के तहत अपने इलाके की समस्याओं को भी उठाया। विधानसभा को असली जैसा रूप देने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों के मुखौटे पहने लोग भी वहां मौजूद थे। उन्हें भी अपनी बात व्यंगात्मक तरीके से कहने का मौका दिया गया।
भाजपा सदस्यों ने मुख्य रूप से आप सरकार की आबकारी नीति पर कड़े प्रहार किए। नियम-55 के तहत भाजपा सदस्य मोहन सिंह बिष्ट ने ‘वर्ष 2021 में लागू की गई दिल्ली की आबकारी नीति में हुए भ्रष्टाचार’ विषय पर चर्चा आरंभ की।
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने अपने भाषण में आप सरकार पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि नई शराब नीति में मास्टर प्लान का खुलकर उल्लंघन किया गया। मास्टर प्लान के अनुसार नॉन कनफर्मिंग इलाकों में शराब की दुकानें नहीं खुल सकती थीं लेकिन केजरीवाल सरकार ने इसकी परवाह नहीं की। इसके अलावा ब्लैक लिस्टेड ठेकेदारों को लाइसेंस जारी करना, ठेकेदारों का कमीशन 02 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करना, शराब परोसने का समय रात 10 बजे से बढ़ाकर 03 बजे करना, ड्राई डे की संख्या 21 से घटाकर 3 करना, शराब के ठेकों की संख्या 639 से बढ़ाकर 849 करना ऐसे फैसले हैं, जिन पर जनता जवाब मांग रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने लाइसेंस धारकों को 144 करोड़ रुपये की छूट दे दी, एयरपोर्ट के ठेकेदार की 30 करोड़ की धरोहर राशि माफ कर दी और बीयर पर 50 रुपये प्रति केस की छूट दे दी जोकि ठेकेदारों से मिलीभगत को साबित करते हैं। यही वजह है कि दिल्ली में शराब की बिक्री तो बढ़ गई लेकिन सरकारी खजाना खाली हो गया।