उपमंडल घरौंडा के गांव पनौडी में शराब के ठेके को बंद करवाने को लेकर महिलाओं का प्रदर्शन, ठेके पर लगाया ताला।
बहन-बेटियों का ठेके के सामने से निकलना हुआ दुष्वार। गांव में चारों तरफ बने हुए है शराब के ठेके।
घरौंडा से सुरेन्द्र पांचाल की रिपोर्ट-
पनौडी गांव में जोहड़ के पास बना ठेका बहन बेटियों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है। आलम यह है कि गांव की बहू बेटियां दिन में भी ठेके के सामने नहीं निकल सकती। शराबी व्यक्ति ठेके के साइड वाली दुकान में ही दिन दिहाड़े बैठकर सरेआम शराब पीते है। स्कूल में जाने वाली बच्चियों को भी यहां से गुजरते हुए डर लगता है। शराबियों के कारण बिगड़े हालातो के चलते शनिवार को महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया और महिलाओं ने ठेका बन्द करवाने की मांग की। महिलाओं का आरोप है कि पनौडी गांव में जोहड़ के पास ठेका खोला हुआ है। शराबी ठेके से शराब की बोतलें खरीदते है और दिन-दिहाड़े ही यहां पर सड़क किनारे बैठकर शराब पीते है। ठेकेदार ने ठेके के पास की एक खाली दुकान छोड़ी हुई है और इसमें ही बैठकर शराबी शराब पीते है।
महिलाओं का आरोप है कि ठेके के सामने ही शराबी घूमते रहते है और बहन बेटियां यहां से निकलने से भी डरती है। जिसके चलते उन्होंने ठेके को बंद करवाने की मांग की है। लेकिन ठेकेदार उनसे कहते है कि उनके पास ठेके का लाइसेंस है और उन्होंने फीस भी भरी हुई है। वे यहाँ से ठेका नहीं हटाएंगे। महिलाओं का कहना है कि भले ही ठेकेदारों ने लाइसेंस लिया हो, लेकिन यहां पर बैठकर जो लोग शराब पीते है उनको रोकना भी इन्ही लोगो की ड्यूटी बनती है। शराबी आने जाने वालों से झगड़ा करने पर उतारू रहते है। इससे गांव का माहौल खराब हो चुका है। प्रशासन सुन नहीं रहा है। गांव के इर्द गिर्द ठेके खुले हुए है। युवा से लेकर बुजुर्ग तक शराब के नशे में डूबे हुए है। कमाने वाला घर में एक है और वो भी नशे में धुत्त रहता है। यदि जल्द से जल्द ठेका यहां से नहीं हटाया गया तो वे आगामी रूपरेखा तैयार करेगी। वही ठेकेदार पदम सिंह का कहना है कि उनके पास ठेके का लाइसेंस है। जो भी फीस है वह भरी हुई है। लेकिन गांव के कुछ लोग आपसी द्वेष के चलते प्रदर्शन कर रहे है।