तापमान में गिरावट के साथ वातावरण में छाई प्रदूषण की चादर, आंखों में महसूस हो रही जलन
सोनीपत
तापमान में गिरावट और हवा के ठहराव के चलते प्रदूषण की घनी चादर छाई हुई है। इससे पीएम-10 का स्तर 500 और पीएम-2.5 का स्तर 333 एसपीएम (सस्पेंडिड पार्टीकल्स – माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) हो गया है। यह दो दिन से लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में लोगों को आंखों में जलन और गले व फेफड़ों में संक्रमण की मार का सामना करना पड़ सकता है। हवा में हानिकारक गैसों और कार्बन कणों की मात्रा मानक से कई गुना ज्यादा हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि तीन दिन में हवा चल सकती है। उससे प्रदूषण की घनी परत छंटने का पूवार्नुमान है।
प्रदूषण घना होने के चलते अब घरों के अंदर तक इसका प्रभाव झेलना पड़ेगा। प्रदूषण की घनी परत छाने से घरों में भी आंखों में जलन और त्वचा में खिंचाव का सामना करना पड़ रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक 388 के आसपास बना हुआ है। तापमान कम होने पर प्रदूषण की परत घनी हो जाती है, जबकि दोपहर में इसका स्तर कुछ कम हो जाता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अलर्ट जारी कर दिया है। बीमारों को जहां घरों में रहने को कहा गया है, वहीं स्वस्थ्य लोगों को भी सुरक्षा के साथ ही बाहर निकलने का सुझाव दिया गया है। स्माग से कई क्षेत्रों में सुबह को कोहरे जैसी स्थिति बन रही है। इससे दृश्यता भी कम हो गई।
वायु गुणवत्ता सूचकांक- 388
पीएम-10 -500
पीएम-2.5 – 333
कार्बन मोनोआक्साइड – 62
वर्जन
तापमान में गिरावट आई है और हवा की गति में कमी हुई है। इससे वातावरण में प्रदूषण का चैंबर बन गया है। दो-तीन दिन में हवा की गति बढ़ने का पूवार्नुमान है। उससे प्रदूषण की स्थिति में सुधार हो सकेगा। अन्यथा की स्थिति में ग्रेप का अगला चरण लागू करके कई प्रतिबंध लगाने आवश्यक हो जाएंगे।