दलाई लामा के कुशीनगर दौरे के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने की बैठक
कुशीनगर, 30 नवंबर। तिब्बती धर्म गुरु दलाई लामा के बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के आगमन को लेकर गहमागहमी बढ़ गई है। जनवरी मध्य तक प्रोटोकाल आने की संभावना है। संस्कृति विभाग की मैत्रेय परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि पर कार्यक्रम कराए जाने की योजना बन रही है।
कुशीनगर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी रमेश रंजन की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में बौद्ध भिक्षुओं, पर्यटन उद्यमियों, नगरपालिका, कसाडा, तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने धर्म गुरु के कार्यक्रम एवं पर्यटन विकास को लेकर विचार व सुझावों का आदान प्रदान किया। इस क्रम में छह माह पूर्व कुशीनगर टेम्पल एरिया मैनेजमेंट कमेटी (टीएएमसी) ने दलाई लामा को आमंत्रण भेजा था। इसमें कहा गया था कि दलाई लामा त्रिविध पावन बुद्ध जयंती पर या अपनी सुविधानुसार कभी भी कुशीनगर पधारें।
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित निर्वासित तिब्बती सरकार के सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी तेनजिंग टकला ने कसया के तत्कालीन एसडीएम वरुण कुमार पांडेय से बातचीत कर कार्यक्रम के स्वरूप पर चर्चा की थी। उस दौरान बताया गया था कि दलाई लामा आगमन के इच्छुक हैं। एसडीएम ने इस संबंध में उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया था। धर्मशाला से जुड़े तिब्बती मन्दिर कुशीनगर के प्रबन्धक कुन्चुक ने बताया कि बौद्ध धर्म गुरु के कार्यक्रम की प्रक्रिया चल रही है। बैठक में प्रमुख बौद्ध धर्म गुरु भंते ज्ञानेश्वर, एडीएम (न्यायिक) उपमा पांडेय, एसडीएम कल्पना जायसवाल, तहसीलदार मान्धाता प्रताप सिंह, ईओ प्रेमशंकर गुप्त, भिक्षु महेंद्र आदि उपस्थित रहे।
बैठक में बौद्ध भिक्षुओं एवं पर्यटन उद्यमियों ने प्रशासन के समक्ष कुशीनगर गेट पर लाइटिंग एवं स्व.बौद्ध भिक्षु चन्द्रमणि की प्रतिमा स्थापित करने, महापरिनिर्वाण मन्दिर पर रैम्प बनवाने एवं सीढ़िया नीची करने, मन्दिर के द्वार सुबह 04 से रात्रि 08 बजे तक खोलने, एयरपोर्ट पर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी से कार्रवाई करने का अनुरोध किया। जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि पावानगर एवं कुशीनगर के पर्यटन विकास के कार्य कैसे आगे बढ़ें, इस पर चर्चा हुई है। सुझाव एवं विचार आए हैं। इस अनुरूप कार्य योजना बनाई जाएगी। पर्यटन विकास के कार्य में तेजी लाई जाएगी