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महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा महाकालेश्वर मंदिर का नवनिर्मित कॉरिडोर

उज्जैन, 27 सितंबर। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में 351 करोड़ से निर्मित महाकालेश्वर प्रांगण ‘महाकाल लोक’ के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय मंगलवार को दोपहर में उज्जैन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में लिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करेंगे।

बैठक से पहले सीएम शिवराज सहित सभी मंत्रियों ने महाकाल को नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में कहा कि देश में पहले से चारधाम है, इसलिए उज्जैन का नाम उज्जैन धाम के स्थान पर महाकाल लोक किया जाना चाहिए। इसके बाद बैठक में फैसला लिया गया कि नवनिर्मित प्रांगण को महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि उज्जैन में हवाई पट्टी का विकास किया जाएगा, इसके लिए 41 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उज्जैन में पुलिस बैंड में 36 कर्मचारी शामिल होंगे, इसका आकार बड़ा किया जाएगा। शिप्रा नदी कलकल और प्रवाहमान रहे इसलिए रिवर लेक फ्रंट की तर्ज पर घाटों का विस्तार होगा।

मध्य प्रदेश मंत्रि-परिषद की बैठक पहली बार उज्जैन हुई। पहले यह बैठक भोपाल में होना तय थी, लेकिन इसी दिन मुख्यमंत्री के देवास दौरे को देखते हुए बैठक उज्जैन में करने का निर्णय लिया गया। बैठक से पहले मुख्यमंत्री और मंत्रिगण ने महाकाल प्रांगण में हुए 316 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यों का अवलोकन किया।

बैठक में लिए गए निर्णय

– 351 करोड़ से निर्मित महाकालेश्वर प्रांगण को महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 अक्टूबर को इसका लोकार्पण करेंगे। इसके बाद दूसरे चरण के काम शुरू किया जाएगा।

– उज्जैन में हवाई पट्टी का विस्तारीकरण कर इसे एयरपोर्ट की तरह विकासित करेंगे। पहली बार में 80 करोड़ की लागत से ये काम होगा।

– 11 की जगह 37 पद वाला पुलिस बैंड होगा, इसके लिए नए पद स्वीकृत किए गए हैं।

– शिप्रा अविरल बहती रहे, इसके लिए प्रोजेक्ट बनाने की सैद्धांतिक स्वीकृति। रिवर फ्रंट की तर्ज पर घाट विस्तार होगा।

– स्वच्छता लीग में मध्य प्रदेश का पहला स्थान आया है। नगरीय प्रबंधन व सबसे क्लीन सिटी में इंदौर नंबर 1, उज्जैन पर्यटन सेवा में अव्वल आया है।

– मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में उम्र वृद्धि की गई। अहर्ता भी 8वीं कर दी गई।

– जल जीवन मिशन में प्रदेश के 22 जिले के 90197 गावों में 17 हजार करोड़ रुपये की सतही नल जल योजना स्वीकृत की गई।

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