हरियाणा

हिसार : चिट फंड में पकड़े आरोपियों का खुलासा, एक अकाउंट से हुआ 300 करोड़ का लेन-देन

देश के कई राज्यों के अलावा दुबई तक जुड़े गिरोह के तार, टेरर फंडिंग की आशंका

बड़े लेन-देन के बावजूद बैंकों ने नहीं दी आयकर को सूचना, भूमिका संदिग्ध

हिसार, 23 जून । हिसार पुलिस द्वारा चिट फंड मामले में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। पुलिस के अनुसार यह एक बड़ा गिरोह है और इसके तार भारत के कई राज्यों के अलावा दुबई तक जुड़े हुए हैं। पुलिस ने जांच के दौरान पता लगाया है कि एक ही अकाउंट से 300 करोड़ की ट्रांजेक्शन की गई है वहीं आरोपियों ने बैंकों से 50-50 लाख और कम से कम 35 लाख रुपये की ट्रांजेक्शन की है।

पुलिस अधीक्षक लोकेन्द्र सिंह ने गुरूवार को पत्रकार वार्ता में आशंका जताई कि इतनी बड़ी ट्रांजेक्शन में कुछ बैंकों की मिलीभगत भी हो सकती है क्योंकि इतनी बड़ी मात्रा में ट्रांजेक्शन होना और बैंकों को जानकारी न होना गले नहीं उतर रहा। बैंकों ने आयकर विभाग को भी सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा कि मामले की खुलासा होने के बाद कुछ भारत से दुबई चले गए। गिरोह के तार टेरर फंडिग से भी जुड़े होने के संकेत हैं, क्योंकि कुछ खाते पश्चिम बंगाल में एक समाज के लोगों के मिले हैं। लेन-देन जनवरी से लेकर अब तक किया गया है। एसपी के अनुसार मामले के शिकायतकर्ता हिसार निवासी चन्द्रशेखर ने विन मनी ऐप में जो पैसे लगाए थे, वे पैसे महाराष्ट्र स्थित बैंक अकाउंट में गए, फिर वहां से वो पैसे उड़ीसा स्थित बैंक अकाउंट में गए और अंत में धनराशि कोलकाता स्थित बैंक में एक संदिग्ध व्यक्ति के खाते में गई।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आकाश शर्मा के जयपुर में अलग अलग बैंकों में 13 बैंक अकाउंट है। आरोपी आकाश ने बाइनेंस ऐप के माध्यम से करोड़ों रुपए की ट्रांजेक्शन इधर-उधर की है। आकाश शर्मा ने हाल में 10 लाख रुपए के यूएसडीटी क्वाइन उस संदिग्ध के अकाउंट में डाले थे जिसके एवज में उसे 2500 रुपए का कमीशन मिला था। रिमांड के दौरान पुलिस टीम ने आकाश शर्मा द्वारा किए गए करोड़ों रुपए के घपले के एवज में कमीशन के तौर पर मिले तीन लाख दो हजार 500 रुपये कैश बरामद किया है। आकाश शर्मा यूएसडीटी क्वाइन को ऑनलाइन खरीदता और बेचता है परंतु कुछ संदिग्ध लोग यूएसडीटी क्वाइन को कैश में खरीद, उसे डिजिटल करेंसी में बदल देते हैं।

एसपी के अनुसार पुलिस जांच में सामने आया है कि धोखाघड़ी में प्रयोग होने वाले बैंक अकाउंट अक्सर किसी साधारण व्यक्ति को थोड़े पैसे का लालच देकर खुलवाए गए हैं। उनके एटीएम, चेक बुक और इंटरनेट बैंकिंग संबंधित दस्तावेज ले लेते हैं। बड़ी अमाउंट के बैंक खाते फर्म के नाम होते हैं जिन्हें दुबई में 8 से 10 लोग व अन्य अलग अलग देशों में बैठ संचालित करते हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में शिकायत मिलने के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गुजरात के सुरेन्द्रा नगर स्थित चाचका निवासी सचिन गुड़ालिया व गजराज सोसायटी अहमदाबाद के पिंटू राजपूत को पकड़ा गया। जांच में पता चला हैै कि पिछले कुछ महीनों में सचिन गुड़ालिया के बैंक अकाउंट से लगभग 300 करोड़ रुपए से अधिक का लेन देन है।

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