नाग पंचमी पर लखनपुरी के अखाड़ों में लगेंगे कुश्ती के दांव-पेंच
चौक के बागमहानारायण स्थित गोमती अखाड़ा में होगा दंगल
लखनऊ, 01 अगस्त। नाग पंचमी पर लखनपुरी के अखाड़ों में पहलवानों की जोर अजमाईश भी देखने को मिलेगी। इसके पहलवानों ने अपनी लंगोट कस ली है। अखाड़े भी तैयार कर लिए गए हैं। शहर में चौक में गोमती पहलवान का अखाड़े सहित अन्य अखाड़ों में कुश्ती के दांव-पेंच लगेंगे।
नाग पंचमी पर पहलवानों के कुश्ती लड़ने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। पूरे साल भले न कुश्ती देखने को मिले, सावन में पहलवानों के हाथ-पैर जोर मारने लग जाते हैं। चौक स्थित बाग महानारायण के गोमती पहलवान के अखाडे में मंगलवार को नाग पंचमी पर दंगल आयोजित किया जाएगा।
अखाड़े के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प. नीरज अवस्थी ने बताया कि दंगल के मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को आमंत्रित किया गया हैं। जबकि विशिष्ट अतिथि विधायक आशुतोष टंडन व विधायक डॉ. नीरज बोरा होंगे।
गोमती अखाड़े के बुर्जुग पहलवान पं. कमला शंकर अवस्थी बतातें हैं कि यह अखाड़ा लगभग सौ साल पुराना हैं। हमारे पिता जी, बाबा भी आया करते थे। वह कहते हैं पहले पाठशाला और व्यायामशाला जाना जरूरी होता था। इस अखाड़े में बजरंग बली की मूर्ति भी स्थापित है और अली का ताखा भी है। यहां हिन्दू और मुसलमान दोनों पहलवान आया करते हैं। यह स्थान गंगा-जमुनी संस्कृति की पहचान है। बृहस्पतिवार को अली के ताखे पर शीश नवाते हैं और मंगलवार को बजरंग बली की मूर्ति के आगे सिर झुकाते हैं।
पहलवान अवस्थी बताते हैं कि अखाडे की मिट्टी को हल्दी, मट्ठा और तेल डालकर तैयार किया जाता है। इस मिट्टी करेंट होता है। अखाड़े की मिट्टी शरीर में लगा लीजिए, जान आ जाएंगी। वह कहते हैं कि अपनी पॉवर को संभालना बड़ी बात है। पॉवर निकाल तो सभी लेते हैं।
वह बताते हैं कि पहलवानी के लिए नियम-संयम बहुत जरूरी है। लंगोट हमेशा बांधे रखना होता है। आज के बच्चे दिनभर मोबाइल ही लिए रहते हैं तो वे क्या पहलवानी कर पाएंगे। इसके लिए अच्छा डाइट भी होनी चाहिए।
पहलवान अवस्थी नाग पंचमी पर दंगल की परम्परा भगवान श्रीकृष्ण के जमाने से है। इस अखाड़े से काफी अच्छे पहलवान निकले। जिसमें सिद्धनाथ मिश्रा, राम कुमार, बनारसी पहलवान आदि थे। अब अध्यक्ष अन्नू मिश्रा के प्रयासों से यह अखाड़ा आज भी अपना अस्तित्व बनाए हुए है।
वह कहते हैं कि पहले इस शहर में सदर में गुरूजी का अखाड़ा, गणेश गंज में गिरधारी लाल और चौक में गोमती अखाड़ा सहित लगभग चार-पांच अखाड़े थे। अमीनाबाद में भी एक अखाड़ा था। लेकिन अब कुछ व्यवसायिक सेंटर बन गए है।