नशा रोकने के लिए बनी कमेटी सदस्यों ने दुसरे जिलों से आने वालें युवाओ के घर जाकर किया जागरूक तों लगी रोक
यमुना सुधार समिति ने नशे को रोकने के लिए दिन रात मेहनत कर रही 21 सदस्यीय टीम को किया सम्मानित
नशे पर पाबंधी होने से कई महीनें से चोरी की घटनाओ पर लगा है अंकुश
कमेटी सदस्य युवाओ को शिक्षा व खेलों के प्रति करे जागरूक-रत्नसिहं
पीछा करते समय कई बार उठाकर ले जाते नशा तस्कर, बाल-बाल बचें कमेटी सदस्य
बापौली , 3 जूलाई : गढी बेसिक गांव में नशे को रोकने के लिए बनी 21 सदस्यीय कमेटी द्वारा लगातार किए जा रहे सहरानीय कार्यो को लेकर यमुना सुधार समिति द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कमेटी के सभी सदस्यों को फूल मालाएं पहनाकर चदर ओढाकर सम्मानित किया गया। समारोह में यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता रत्नसिहं रावल ने बतौर मुख्यातिथि शिरक्त की, जबकि कार्यक्रम की अध्ययक्षता पत्थगढ के निवर्तमान सरंपच अमजद मजिदी ने की और मंच का संचालन अमरीश ने किया। यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष अधिवक्ता रत्नसिहं रावल ने कहा कि गांव में नशे को लेकर बनाई गई 21 सदस्यीय कमेटी ने लगातार दिन रात मेहनत कर सहरानीय काम किया है। जिससें गांव में नशे पर प्रतिबंद लग गया है साथ ही अन्य गांवों से आने वालें युवक भी बंद हो गए है। रावल ने कहा कि कमेटी द्वारा किया गया कार्य सहरानीय है वों इसके साथ-साथ युवाओ को खेलों व शिक्षा के प्रति भी जागरूक करें, ताकि भविष्य में आने वाली पीढी पर नशे का प्रभाव ना पडें। उन्होने कहा कि शिक्षा शेरनी का वह दूध है जो पिएगा वो ही दहाडेगा। इसलिए अपने बच्चों को शिक्षित करें। अमजद मजिदी ने कहा कि गढी बेसिक, राणामाजरा, पत्थरगढ, जलालपुर द्वितीय आदि अनेक यमुना से सट्टे गांव में नशे की लत लगातार लगने से युवा नशे की और बढ रहे थे और बाहर से आकर भी युवक स्मैक जैसी खतरनाक नशा करने वाली वस्तुओ को लेकर जाते थें। जिससें शाम के समय जमवाडा लगना शुरू हो जाता था, लेकिन गढी बेसित गांव में राजनीति से दूर हटकर 36 बिरादरी से 21 ग्रामीणों की कमेटी बनाई गई, जिसने दिन रात मेहनत कर नशे की तस्करी पर रोक लगाने के साथ-साथ युवाओ को समझाकर गांव को नशा मुक्त करने में बढी सफलता हाशिल की। इतना ही नही गांव व खेतों में होने वाली चोरी भी अब बंद हो गई है। कमेटी द्वारा किए गए सहरानीय कार्य के कारण ही सभी सदस्यों को सम्मनित किया गया है।
ये ग्रामीण है कमेटी में शामिल
हाजी शोकत, कोशर, सादा, अमरीश खान, बाबू खान, मांगा प्रधान, गिलजा, ईदरीश प्रधान, इस्तकार, दाऊद अलवी, तेजपाल, नाथी राम रोहिल्ला, सादा, आरीफ, हारून, रूकबान, हाशिम, डा.सबाब आलम, सालीम, जलाललुदीन शेख, कोसर व महिला बल्ली आदि 21 सदस्य शामिल किए गए है।
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कई जिलों से स्मैक लेने के लिए आए थें युवा, घर जाकर समझाया
कमेटी सदस्यों ने बताया कि उतरप्रदेश से यमुना के रास्तें स्मैक आती थी और रोहतक, झज्जर, सोनीपत, समालखा सहित अनेक जिलों के युवा स्मैक लेने के लिए गांव में आते थें। कमेटी सदस्यों ने दिन रात गर्मी व कडाके की सर्दी में चौराहों पर बैठक पहले उन्हे पकडा और फिर उनके घरों का पता लेकर उनके परिजनों को समझाया। जिससें उनका आना भी बंद हो गया और उन्होने नशा करना भी छोड दिया है। जिसकारण आज भी उन्हे परिजन फोन करके अहसान मानते है।
महिलाओं को घर-घर जाकर किया जागरूक, मिला सहयोग
कमेटी सदस्यों ने बताया कि उनकी कमेटी में बल्ली नाम की महिला है जिसने गांव में घर-घर जाकर महिलाओ को समझाया और नशे के प्रति जागयक किया। जिसका उन्हे भरपूर सहयोग मिली और नशे का कारोबार व नशा करने वाले लोगों पर पाबंधी लगाने में आसानी रही। इतना ही नही बल्कि कई बार महिलाएं भी नशे में पुरूषों का सहयोग करती पाई गई तो उन्हे भी बल्ली ने समझाया और भविष्य में नशें में सहयोग करने की बजाए उस पर रोक लगाने का आवाहन किया।
कई बार उठाकर ले जाते नशा तस्कर, बाल-बाल बचें
नशा विरोशी कमेटी सदस्यों ने बताया कि कई बार नशा तस्कर कई बार पीछा करते समय उठा कर ले जाते थें, लेकिन उन्होने हिम्मत नही हारी और उन्हे पवकड कर पुलिस के हवाले किया। जिससें नशा तस्करों ने गांव में आना बंद कर दिया। गांव में आने वाले मुख्य रास्तों पर वों कडकती ठंड में भी रात को पहरा देते थें। अगर कोई तस्कर बाईक व वाहनों से आता तो वों उसकों पकडने के लिए जैसे ही पीछा करते तो कई बार कमेटी सदस्य को उठा कर ले जाते थे, लेकिन उनके हौशले इतने बुलंद थें कि उन्होने हार नही मानी और नश तस्करों को पकड कर पुलिस के हवाले कर दिया।