छह दिन की पुलिस रिमांड में भेजे गए झारखंड के अधिवक्ता राजीव
कोलकाता, 1 अगस्त। कोलकाता के एक व्यवसायी से एक केस वापस लेने के बदले 50 लाख रुपये की वसूली लेते रंगेहाथों गिरफ्तार रांची हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता राजीव कुमार को कोर्ट ने छह दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंपने का आदेश दिया है।
दरअसल, रविवार शाम बड़ाबाजार के एक मॉल से राजीव को कोलकाता पुलिस की गुंडा दमन शाखा (एआरएस) और हेयर स्ट्रीट थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सोमवार को पुलिस ने उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया, जहां से न्यायाधीश ने उन्हें छह दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। रिमांड के दौरान पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि जनहित याचिका दाखिल कर उन्होंने कितने कारोबारियों से रुपये वसूले हैं।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने सोमवार “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया कि पेशे से वकील और रांची निवासी राजीव कुमार ने कोलकाता के एक व्यवसायी के खिलाफ रांची हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता उस याचिका को वापस लेने के लिए 10 करोड़ मांग रहे थे। बाद में वह एक करोड़ पर राजी हो गए थे। रविवार को 50 लाख की पहली किस्त लेते हुए उसे रंगेहाथ पकड़ा गया। व्यवसायी के अनुसार आरोपित ने केंद्रीय एजेंसियों से संबंधों का हवाला देते उसके घर और कार्यालय पर छापा डलवाने की धमकी भी दी थी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि जनहित याचिकाएं लगाकर राजीव कुमार इसी तरह से व्यवसायियों से वसूली करता रहा है। पुलिस उससे पूछताछ कर उसके संबंधों की भी तलाश कर रही है।
बताया गया है कि राजीव कुमार रांची हाई कोर्ट में कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं में वकील हैं। इनमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खदान लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश को लेकर भी उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका लगाई है, जिस पर ट्रायल चल रहा है। इसके अलावा रांची के खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में जनहित याचिका दायर करने वाले अरुण कुमार दुबे की तरफ से भी कोर्ट में वही पक्ष रख रहे हैं। इसी मामले में झारखंड की बहुचर्चित आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी हुई थीं।