सूखे बुन्देलखण्ड में बढ़ा धान की खेती का क्रेज
झांसी में धान की बुआई के क्षेत्रफल में हुआ तीन गुना इजाफा
झांसी,27 अगस्त। मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड पर खास नजर बनाए हुए हैं। सूखे बुन्देलखण्ड में किसान की आय को दोगुना करने के लिए सिंचित क्षेत्र को बढ़ाया जा रहा है। इसे लेकर नहरों से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं। उनकी इन योजनाओं के सकारात्मक पहलु भी सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयास का ही नतीजा है कि सूखाग्रस्त के रूप में चर्चित बुंदेलखंड में आज धान की फसलें लहलहा रही हैं।
अमूमन धान की फसल की बात आते ही ज्यादा पानी का विचार मन में स्वतः जाग्रत हो जाता है, लेकिन इस बार बुंदेलखंड के किसानों ने धान की फसल की बुआई को लेकर पिछले साल का रिकार्ड तोड़ने में सफलता हासिल की है। झांसी में इस बार खरीफ में धान की बुआई का क्षेत्रफल पिछली बार की तुलना में तीन गुना से भी अधिक बढ़ गया है। नहरों के जाल और उनके माध्यम से खेतों तक आसानी से पानी पहुंचने से ही धान की बुआई के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा है।
26,160 हेक्टेयर हुई धान की बुआई
कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक झांसी में पिछले साल 2021 में खरीफ में 8,589 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई किसानों ने की थी जबकि इस बार 2022 में खरीफ में किसानों ने 26,160 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की बुआई की है। क्षेत्रफल के लिहाज से पिछले साल की तुलना में यह बढ़ोतरी तीन गुना से भी अधिक है। आमतौर पर बुंदेलखंड में दलहन और तिलहन की फसलों को प्रमुखता दी जाती रही है, लेकिन अब धान की बुआई को लेकर भी किसानों में रुझान बढ़ रहा है। यह आंकड़ा इसलिए भी प्रेरित करने वाला है क्योंकि देश के कई हिस्सों से इस बार धान की बुआई का क्षेत्रफल घटने की जानकारी सामने आई है।
नहरों की उपलब्धता से धान का क्षेत्रफल बढ़ा
कृषि विज्ञान केंद्र भरारी के वैज्ञानिक डॉ. ए सिंह बताते हैं कि धान की बुआई के क्षेत्रफल में इस बढ़ोतरी के कई वजह हो सकती है। धान की कई ऐसी किस्में हैं जो कम पानी में उपजाई जा सकती हैं। इसके अलावा झांसी में धान की बुआई मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में अधिक हो रही है जहां नहरों की उपलब्धता है और इनके माध्यम से किसानों को आसानी से पानी उपलब्ध हो जा रहा है। नहरों के माध्यम से पानी की उपलब्धता होने से किसानों की धान के पैदावार में रुचि बढ़ी है।