गन्नौर के गुप्ति सागर धाम में लगे ध्वज का नाम इंडिया एवं एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड में दर्ज
गन्नौर। गन्नौर के जैन तीर्थ गुप्ता धाम ट्रस्ट गन्नौर में चल रहे श्री मजीनेद्र आदिनाथ जिन बिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महा महोत्सव एवं महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम का शुभ आगाज स्वयंभू स्तुति से हुआ। परम पूज्य 108 गुप्ति सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में शुक्रवार को पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं महामस्तिका अभिषेक कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। जिसमें पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव ध्वजारोहण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। ध्वजारोहण एडीजीपी श्रीकांत जाधव ने गुप्ति सागर जी महाराज के सानिध्य में किया। पल्वल से आए सुरेन्द्र जैन का परिवार ध्वजारोहणकर्ता बने। करीब 108 फुट ऊंचे जैन धर्म के ध्वज को भारत और एशिया में अभी तक जैन धर्म का सबसे ऊंचा ध्वज मानते हुए इंडिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक आॅफ रिकॉर्ड्स में गुप्ती सागर धाम में लगे जैन धर्म के ध्वज का नाम दर्ज किया गया पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं महा मस्तकाभिषेक कार्यक्रम के आयोजन के चलते सोनीपत सांसद रमेश चंद्र कौशिक, गन्नौर विधायक निर्मल चौधरी एवं भाजपा नेता राजीव जैन, राई से निगम पार्षद एंव समाजसेवी पुनीत राई भी गन्नौर के गुप्ती सागर धाम में गुप्ती सागर जी महाराज का सानिध्य प्राप्त करने के लिए पहुंचे।
चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद बहुत मुश्किल से ये मानव जीवन मिलता : गुप्ति सागर महाराज
उपाध्याय गुप्ति सागर महाराज ने पंचकल्याणक में आशीर्वाद प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित करते हुए कहा कि बहुत पुण्यशाली और भाग्यशाली होता है वो मनुष्य, जो सौधर्म इंद्र बनता है। 170 साल के पुण्य कर्म का अर्जन होता है। सौधर्म इंद्र को ही ऐसा अवसर व ऐसा पुण्यकर्म मिलता है कि वह सर्वप्रथम सुमेरु पर्वत पर ले जाकर अभिषेक करता है। इसीलिए ऐसे पुण्य कर्म करो कि आप भी सौधर्म इंद्र बन सको। चौरासी लाख योनियों में भटकने के बाद बहुत मुश्किल से ये मानव जीवन मिलता है, इसे व्यर्थ ना गवाओ। भगवान से ऐसी भावना करो कि आपके सद्कर्म का अनुसरण कर आपकी तरह मोक्षगामी बन जाऊं और इस जन्म मरण दुख से मुक्ति पा सकूं।