राष्ट्रीय

गाइडलाइन में रोक : गहलोत ने वीडियो संदेश में मांगे खड़गे के लिए वोट, थरूर ने जताया ऐतराज

जयपुर, 14 अक्टूबर। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए वोट मांगकर सियासी हलकों में नई बहस शुरू कर दी है।

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खड़गे को जिताने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज शेयर किया है। इसे खड़गे के पक्ष में खुलकर प्रचार माना जा रहा है, जबकि कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार कोई नेता पद पर रहते हुए किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकता है।

इस बीच भोपाल पहुंचे अध्यक्ष पद के प्रत्याशी शशि थरूर ने गहलोत के खड़गे के पक्ष में प्रचार करने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इलेक्शन अथॉरिटी के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को देखना चाहिए कि कहां गलत हो रहा है। वह इसके हिसाब से कार्रवाई करें।

इससे पहले कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव काे लेकर 30 सितंबर को ही सात पॉइंट की गाइडलाइन जारी की थी। इसके अनुसार कांग्रेस के प्रभारी महासचिव, प्रभारी सचिव, राष्ट्रीय पदाधिकारी, विधायक दल के नेता, पार्टी के प्रवक्ता अध्यक्ष पद के किसी उम्मीदवार का पद पर रहते हुए प्रचार नहीं कर सकते। अगर उन्हें किसी उम्मीदवार का प्रचार करना है तो पहले उन्हें पद छोड़ना होगा। इस गाइडलाइन के बावजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलकर खड़गे का प्रचार किया हैं।

सीएम ने ट्वीट कर लिखा कि मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे। कामयाब होने के बाद में वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे व कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं है खड़गे साहब भारी मतों से कामयाब हों।

गहलोत ने वीडियो जारी कर कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष वो हो, जो अनुभव के साथ संगठन, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क रखता हो। उसकी हैसियत ऐसी हो जो तमाम विपक्षी दलों से बातचीत कर सकता हो। केंद्र सरकार और बीजेपी से अब सब दलों को मिलकर संघर्ष करना है। अब सब विपक्षी दलों को मिलकर बीजेपी के खिलाफ संघर्ष करना है। अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति बने, जो सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। उनकी योग्यता देखकर हम उनके प्रस्तावक बने।’

उन्होंने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे अनुभवी व्यक्तित्व के धनी हैं। नौ बार विधानसभा और दो बार सांसद को मिलाकर उनका 50 साल से ज्यादा का अनुभव है। हम लोग उनके प्रस्तावक बने हैं। खड़गे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने कांग्रेस की नीतियों, विचारधारा और कार्यक्रमों को आत्मसात किया है। हिंदी अंग्रेजी में कमांड रखते हैं। संघर्षमय जीवन जीया है। कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के तीसरे पॉइंट में लिखा है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष, सीएलपी लीडर (सीएम), प्रभारी महासचिव, सचिव, प्रवक्ता पदों पर रहते हुए अध्यक्ष पद के किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकते। अगर कोई अध्यक्ष पद के उम्मीदवार का प्रचार करना चाहे तो पहले संगठन के पद से इस्तीफा देना होगा।

उल्लेखनीय है कि अशोक गहलोत मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक बने थे। इसलिए कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का तर्क है कि ऐसा करना गलत नहीं है। इसके बावजूद केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन में प्रस्तावक को पद पर रहते हुए प्रचार करने की छूट का जिक्र नहीं है। गाइडलाइन में साफ तौर पर लिखा है कि विधायक दल के नेता से लेकर संगठन के किसी पद रहते हुए कांग्रेस अध्यक्ष के उम्मीदवार का प्रचार नहीं किया जा सकता। इस मामले में अब केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की प्रतिक्रिया का इंतजार है। अगर शशि थरूर या कोई नेता शिकायत करता तो गाइडलाइन के उल्लंघन पर एक्शन लिया जा सकता है। प्राधिकरण नोटिस दे सकता है।

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