हरियाणा

कैथल : डीसी ने बच्चों से पूछे दो सवाल तो खुल गई शेरगढ़ स्कूल की शिक्षा व्यवस्था की पोल

डीसी ने दो शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डीईओ को दिए निर्देश

स्कूल के आकस्मिक निरीक्षण पर पहुंची डीसी, मिला गड़बड़झाला

कैथल, 05 जुलाई । मंगलवार का दिन गांव शेरगढ़ के सरकारी स्कूल के अध्यापकों पर भारी रहा। डीसी संगीता तेतरवाल बिना सूचना दिए गांव के सरकारी स्कूल के निरीक्षण पर पहुंच गई। डीसी ने जब स्कूल की हालत देखी और बच्चों को पढ़ाने का तरीका देखा तो उनके माथे पर बल पड़ गए। उन्होंने अध्यापकों को जमकर फटकार लगाई।

इसी दौरान पढ़ाई की बजाए बच्चों से सिलेंडर मंगवाने वाले व एक दूसरे अध्यापक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई के लिए डीईओ शमशेर सिरोही को निर्देश दिए। डीसी ने कहा कि जिस स्कूल में अनुशासन ही नहीं वहां बच्चे अच्छी शिक्षा कैसे ग्रहण करेंगे। स्कूल के शौचालय में गंदगी भरी पड़ी है और ग्राउंड भी कबाड़ से भरा हुआ है क्या यही प्रदेश के स्कूलों की संस्कृति है। अगर स्कूल के यही हालात रहे तो इसके लिए स्कूल का मुखिया और स्टाफ जिम्मेदार होगा। डीसी फटकार लगाती रही और अध्यापक सिर नीचा करें सुनते रहे। उनके पास डीसी की बातों का कोई जवाब नहीं था। स्कूल की व्यवस्था से नाराज नजर आई डीसी ने कहा कि अभिभावक बच्चों को इसलिए स्कूल भेजते हैं कि वे अच्छी शिक्षा प्राप्त करें और जब वातावरण ही अच्छा नहीं हो तो बच्चे अच्छी शिक्षा कैसे ग्रहण कर सकते हैं। डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल अपने निरीक्षण के दौरान बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं से संवाद किया और उनसे कुछ प्रश्न भी पूछे। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि मां-बाप अपना आराम कुर्बान करके बच्चों को स्कूलों में भेजते हैं और खुद खेती-बाड़ी व अन्य मेहनत का कार्य करते हैं।

डीसी डॉ. संगीता तेतरवाल जैसे ही स्कूल में पहुंची तो अचानक अध्यापकों और छात्रों में सनसनी फैल गई आनन-फानन में स्कूल के मैदान में घूम रहे बच्चे अपनी-अपनी कक्षाओं में पहुंच गए अध्यापक उन्हें देखकर बच्चों को पढ़ाने लग गए इसी दौरान डीसी एक क्लास रूम में पहुंची क्लास में मौजूद पीजीटी अध्यापक राजेश संस्कृत पढ़ाने लगे डीसी ने एक बच्चे के हाथ से किताब लेकर देखा तो उसके हाथ में दूसरे विषय की किताब थी यही हाल दूसरे बच्चों का भी था इस पर डीसी नाराज हो गई और उन्होंने तुरंत डियर शमशेर सिरोही तो अध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए

डीसी के औचक निरीक्षण का दूसरा नजारा भी शर्मनाक था। उन्होंने क्लास रूम से बाहर खड़े एक बच्चे को बुलाया और पूछा कि वह वहां क्यों खड़ा है? बच्चे ने जवाब दिया कि मिड डे मील का सिलेंडर आने वाला है और मिड डे मील पकाने वाली महिला ने उसे गेट के बाहर सिलेंडर आने के इंतजार में खड़ा कर रखा है। डीसी ने उस उस बच्चे को क्लास में बुलाकर बोर्ड पर कुछ शब्द इंग्लिश के लिखे और उनका उच्चारण करने के लिए कहा। डीसी ने बोर्ड पर स्टेटिड लिख कर पूछा कि उन्होंने क्या लिखा है। बच्चा उसे पढ़कर स्टूडेंट बोलने लगा। इस पर डीसी ने कहा कि जो बच्चा सिलेंडर लेने के लिए स्कूल से बाहर खड़ा होगा वह तो ऐसा ही बोलेगा। इस वाक्य ने भी डीसी को हैरान कर दिया। उन्होंने अध्यापक को फटकार लगाई और डीईओ शमशेर सिरोही को कहा कि इस अध्यापक के खिलाफ कार्रवाई करके उन्हें तुरंत रिपोर्ट करें।

डीसी ने स्कूल के इंचार्ज से कहा कि उन्हें स्कूल का शौचालय दिखाया जाए। जैसे ही डीसी लड़कियों के शौचालय के पास पहुंची तो अंदर गंदगी का आलम था। डीसी ने स्कूल इंचार्ज से कहा कि क्या आप की बेटियां ऐसे गंदे शौचालय में जा सकती हैं। यदि नहीं तो फिर स्कूल के ऐसे हालात क्यों हैं? शौचालय के हालात बेहद खराब हैं। नाराज डीसी ने पास खड़े डीईओ शमशेर सिरोही से कहा कि स्कूल के इंचार्ज दलवीर सिंह को तुरंत बदला जाए और उसकी जगह किसी दूसरे योग्य अध्यापक को चार्ज दिया जाए। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जिला के अन्य सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जाएगा। सभी स्कूलों में साफ-सफाई बेहत्तरीन हो और विशेषकर शौचालय भी पूरे तरीके से प्रयोग लायक होने चाहिए। बच्चों को दिए जाने वाला मिड डे मिल गुणात्मक होना चाहिए। बच्चों को स्कूल टाईम में पढ़ाई के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं करवाया जाए। यदि ऐसा पाया जाता है तो संबंधित के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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