धर्म, मानवीय मूल्यों, आदर्शो की रक्षा के लिए प्राणों की आहूति देने में गुरू श्री तेग बहादुर का स्थान अद्वितीय : ललित पंवार
-युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष ललित पंवार ने राज मोहल्ला स्थित गुरू श्री तेग बहादुर साहब के गुरूद्वारे में मथा टेकर किया नमन व भंडारे में वितरित किया प्रसाद
सोनीपत।
युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष ललित पंवार ने क्षेत्रवासियों को गुरू तेग बहादुर के 400वें प्रकाश पर्व पर बधाई देते हुए कहा कि विश्व इतिहास में धर्म एवं मानवीय मूल्यों, आदर्शों एवं सिद्धान्त की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वालों में गुरु श्री तेग बहादुर साहब का स्थान अद्वितीय है। गुरू श्री तेग बहादुर प्रथम गुरु नानक जी द्वारा बताए गये मार्ग का अनुसरण करते रहे। उनके द्वारा रचित 115 पद्य गुरु ग्रन्थ साहिब में सम्मिलित हैं। युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष ललित पंवार राज मोहल्ला स्थित गुरू श्री तेग बहादुर जी गुरूद्वारा में मत्था टेकने के उपरांत सांध-संगत को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गुरु का बलिदान न केवल धर्म पालन के लिए नहीं, अपितु समस्त मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था। धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन विधान का नाम था। इसलिए धर्म के सत्य शाश्वत मूल्यों के लिए उनका बलि चढ़ जाना वस्तुत: सांस्कृतिक विरासत और इच्छित जीवन विधान के पक्ष में एक परम साहसिक अभियान था। आततायी शासक की धर्म विरोधी और वैचारिक स्वतन्त्रता का दमन करने वाली नीतियों के विरुद्ध गुरु तेग बहादुर का बलिदान एक अभूतपूर्व ऐतिहासिक घटना थी। उन्होंने कहा कि यह गुरुजी के निर्भय आचरण, धार्मिक अडिगता और नैतिक उदारता का उच्चतम उदाहरण था।
गुरु जी मानवीय धर्म एवं वैचारिक स्वतन्त्रता के लिए अपनी महान शहादत देने वाले एक क्रान्तिकारी युग पुरुष थे। उन्होंने कहा कि विश्व को ऐसे बलिदानियों से प्ररेणा मिलती है, जिन्होंने जान तो दे दी, परंतु सत्य का त्याग नहीं किया। नवम पताशाह गुरू श्री तेग बहादुर जी भी ऐसे ही बलिदानी थे। गुरू जी ने स्वयं के लिए नहीं बल्कि दूसरों के अधिकारों एवं विश्वास की रक्षा के लिए अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। हमे ऐसे महापुरूष के दिखाए मार्ग पर चलने का अटूट संकल्प लेना चाहिए। इस दौरान कमल हसीजा, सरदार परमजीत सिंह, सरदार हरचरण सिंह, नरेश अरोड़ा, इंद्रपाल सहित बड़ी तादाद में गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।