डीसीपीओ ने जिला कारागार में महिला बंदियों के साथ रहने वाले बच्चों की स्थिति का किया निरीक्षण
-जिला कारागार में महिला बंदियों के बच्चों को दी जा रही हर प्रकार की सुविधाओं की समीक्षा की
-बच्चोंं की निर्बाद्घ शिक्षा के साथ उनकी आवश्यकतों की पूर्ति के लिए करेंगे प्रयास: ममता शर्मा
सोनीपत, 06 सितंबर। जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) ममता शर्मा ने कहा कि जिला कारागार में महिला बंदियों को हर आवश्यक सुविधा दिलाई जाएगी, जिसमें शिक्षा प्रमुख रूप से शामिल है। बच्चों के अधिकारों का हनन नहीं होगा। इसके लिए कारागार प्रशासन भी बेहतरीन कार्य कर रहा है। साथ ही विभागीय स्तर पर भी समय-समय पर समीक्षा की जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के निर्देशानुसार मंगलवार को जिला बाल संरक्षण अधिकारी ममता शर्मा ने जिला कारागार का दौरा किया। इस दौरान संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थानिक) आरती और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की चेयरपर्सन अनीता शर्मा भी उनके साथ मौजूद रही। कारागार में महिला बंदियों के साथ संबंधित अधिकारियों ने विशेष रूप से बातचीत करते हुए उनकी स्थिति की समीक्षा की। महिलाओंं से विशेष रूप से उनके बच्चों के विषय में जानकारी ली गई।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ममता शर्मा ने बताया कि महिला बंदियों ने बताया कि अधिकांश महिलाओं के बच्चे उनके परिजनों के साथ रहे रहे हैं। कारागार में महिला बंदियों के साथ चार बच्चे ही रहे रहे हैं, जिनकी शिक्षा की व्यवस्था कारागार प्रशासन द्वारा करवाई गई है। उन्होंने जानकारी दी कि परिवार के साथ रहने वाले बच्चों की रिपोर्ट कारागार से प्राप्त होने के उपरांत महिला एवं बाल विकास विभाग तथा हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग पंचकूला को प्रेषित की जाएगी, ताकि बच्चों को हर संभव मदद दिलाई जा सके।
इस दौरान बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन व संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थानिक) आरती ने महिला बंदियों से उनके बच्चों की शिक्षा व्यवस्था के विषय में विशेष पड़ताल की। उन्होंने भरोसा दिया कि 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को शिक्षा दिलाई जाएगी। यदि अन्य कोई समस्या है तो उसका भी समाधान करवाने के लिए हर संभव सहायता की जाएगी।