उत्तर प्रदेश

चंबल-यमुना नदियों में उफान, औरैया जिला मुख्यालय से दो गांवों का संपर्क टूटा

– जिलाधिकारी सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने किया दौरा

औरैया, 24 अगस्त। कोटा से पानी छोड़े जाने से जनपद में चंबल नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चंबल नदी में पानी बढ़ने से यमुना नदी भी अब उफान पर आ रही है। देर रात अचानक नदी का जलस्तर बढ़ जाने से क्षेत्र के करीब दर्जन भर गांवों में पानी घुस गया। बाढ़ के पानी को लेकर लोगों में दहशत है।

यमुना किनारे बसे गोहानी कला, अनिरुद्ध नगर के संपर्क मार्ग में बुधवार को पानी आ गया, जिससे आवाजाही बंद हो गई है। प्रशासन भी जलस्तर पर नजर रखते हुए एहतियाती कदम उठा रहा है। अजीतमल सामुदायिक केंद्र प्रभारी ने बताया कि बाढ़ वाले इलाकों में डॉक्टरों की टीम भेज दी गई और दवाइयां बटवाई जा रही हैं।

कोटा से आए पानी ने बढ़ाया चम्बल का जलस्तर

कोटा बैराज से पानी छोड़ने के बाद चंबल नदी में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। चंबल का पानी यमुना में मिलने से उसमें भी उफान आ रहा है। यमुना का जलस्तर 112.53 मीटर पहुंच गया है। अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के बडेरा, सिकरोड़ी, गौहानी कला, अनिरुद्ध नगर, गौहानी खुर्द, जुहीखा, ततारपुर, बीझलपुर आदि गांव के लोग सहमे हुए हैं। गांव के लोग बाढ़ को देखते हुए अभी से तैयारी में लग गए हैं। अजीतमल तहसील क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे बसे गांव गौहानी कला एवं अनिरुद्ध नगर जाने वाले संपर्क मार्ग पर पानी आ गया गया जिससे पैदल आवाजाही बंद हो गयी है। यदि इसी तरह से जलस्तर बढ़ता रहा तो इस मार्ग पर आवाजाही पूरी तरह से बंद हो जाएगी।

बाढ़ नियंत्रण केन्द्र व चौकियां बनी

यमुना के बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने चार बाढ़ नियंत्रण केन्द्र व इनसे संबंधित सात चौकियां बना दी हैं। यमुना नदी के अन्तर्गत केन्द्र मलगंवा मन्दिर को बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बनाया गया है। इससे जुड़ी चौकी जन सहयोगी इंटर कॉलेज अमावता व प्राथमिक विद्यालय बडैरा को बनाया गया है। दूसरा बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बबाइन डाक बंगला को बनाया गया है। इससे जुड़ी चौकी प्राथमिक पाठशाला बबाइन व प्राथमिक पाठशाला बीझलपुर है, जबकि सेंगर नदी के अन्तर्गत तीसरा बाढ़ नियंत्रण केन्द्र बल्लापुर जूनियर हाईस्कूल स्कूल को बनाया गया है। इससे जुड़ी चौकियों में जूहा स्कूल बल्लपुर व प्रा0 वि0 रहमापुर हैं। चौथा केन्द्र ऊंचा शान्ती देवी मा0वि0 को बनाया गया है। इससे जुड़ी चौकी प्राथमिक पाठशाला ऊंचा है।

यमुना से प्रभावित होने वाले गांव

यमुना नदी से अधिक प्रभावित होने वाले 14 गांव हैं। इनमें बड़ैरा, गोहानी कलां, सिकरोड़ी, बंशियापुर, बरदौली, मिश्रपुर मानिकचंद, फरिहा, गोहानी खुर्द, कैथोली, गूंज, असेवा, जुहीखा, बीझलपुर, ततारपुर कलां शामिल हैं।

17 गोताखोर चिन्हित किए गए

बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने विभिन्न गांवों में 17 गोताखोर चिन्हित किए हैं। इनमें सिकरोडी में 5, बीझलपुर में 5, कुल 10 गोताखोर चिन्हित किए गए हैं।

नाव व नाविक का इंतजाम

अजीतमल क्षेत्र में बड़ी नाव नहीं है जबकि छोटी नाव 15 हैं। छोटी नाव में सिकरोड़ी में चार, मुरादगंज में 10, अयाना में एक चिन्हित की गई है। बाढ़ से निपटने के लिए 21 नाविक चिन्हित किए गए हैं। इनमें सिकरोड़ी में नौ, जुहीखा में 10 और बीझलपुर में दो नाविक हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे अधिकारी

गौहानी कला एवं अनिरुद्ध नगर का संपर्क अन्य क्षेत्रों के टूट जाने की खबर जैसे ही जिला प्रशासन को हुई तो वे लोग आनन-फानन में क्षेत्र की ओर निकल गए। जिलाधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी रेखा एस चौहान, अपर पुलिस अधीक्षक शिष्यपाल, एसडीएम अजीतमल अखिलेश कुमार, सीओ अजीतमल प्रदीप कुमार के अलावा खंड विकास अधिकारी एवं लेखपाल भी पहुंच गए हैं। यमुना के बढ़े जलस्तर से 10 गांव के लोगों की फसलें प्रभावित हुई है जो पूरी तरह से जलमग्न हो गई है।

जिलाधिकारी प्रकाश चंद श्रीवास्तव लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह लोग स्वयं व अपने जानवरों को ऊंचे स्थान पर ले जाएं क्योंकि हो सकता है कि अभी यमुना के जलस्तर में और बढ़ोतरी हो। इसलिए एहतियातन यह कार्य करें। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा जिला प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और किसी भी समस्या से निपटने के लिए हमेशा तैयार है।

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