सोनीपत , 26 जून : भाजपा के वरिष्ठ नेता ललित बत्रा ने कहा कि 25 जून भारत के इतिहास में एक ऐसा काला दिवस है जो कि एक बुरे स्वप्न की भांति हर एक भारतीय के जहन आज भी ताजा है। उन्होंने कहा कि उस समय 21 महीनों के आपातकाल अवधि में विपक्षी पार्टियों की सभी नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया था । लोकतंत्र की हत्या एवं आम नागरिकों के अधिकारों का हनन इस दौरान व्यापक पैमाने पर किया गया। देशभर में विपक्षी नेताओं और संघ परिवार के सदस्यों को जेल में बंद कर दिया गया था। विपक्षी नेताओं को नजरबंद कर उनपर मीसा एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई की गई। प्रेस की आजादी छीन ली गयी थी । कचहरियों में सारा काम बंद कर दिया गया। ललित बत्रा ने बताया कि आपातकाल के दौरान उन्हें भी केवल 13 वर्ष की आयु में रोहतक जेल में बंद कर दिया गया था और इस प्रकार उन्हें भी मां भारती की सेवा करने का मौका मिला।
बत्रा ने कहा कि तीन पीढ़ियों के निरंतर त्याग और तपस्या के बाद देश को नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। जिसने देश को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। विदित हो कि भाजपा द्वारा 25 जून को लोकतंत्र के काले दिवस के रूप में मनाया गया । देशभर में इसी दिन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल की घोषणा की थी। इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय युवा मोर्चा द्वारा देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी कड़ी में हरियाणा के गुरुग्राम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बेंगलुरु दक्षिण से युवा लोकसभा सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
हरियाणा प्रदेश की ओर से चुनाव प्रबंधन प्रदेश संयोजक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता ललित बत्रा ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की।
ललित बत्रा ने कहा कि तीन पीढ़ियों के निरंतर त्याग और तपस्या के बाद देश को नरेंद्र मोदी जैसा प्रधानमंत्री मिला है। जिसने देश को एक नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
इस अवसर पर भाजपा युवा मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने आपातकाल के दौरान देश की जनता तथा विपक्षी दलों के नेताओं के साथ हुई क्रूरता की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी उन्ही देश विरोधी नीतियों पर चल रही है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को देश प्रेम की भावना के साथ लोकतंत्र को बचाने के लिए हर समय तैयार रहने का संकल्प करवाया। कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भी ऑनलाइन जुड़ कर आपातकाल के अपने अनुभव साझा किये।