हरियाणा

हिसार: हरियाणा के 500 गांवों में फैला लंपी रोग, 7182 से अधिक गोवंश संक्रमित

हिसार में हो सकेंगे लंपी रोग के टेस्ट, केन्द्र से अनुमति मांगेगा विश्वविद्यालय

हिसार, 11 अगस्त। हिसार स्थित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में जल्द ही पशुओं में फैल रही लंपी नामक बीमारी के टेस्ट हो सकेंगे। यहां पर एक लैब उपलब्ध है। टेस्ट के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर अनुमति मांगेगा। फिलहाल लंपी टेस्ट की सुविधा केवल भोपाल में ही उपलब्ध है।

लुवास के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. नरेश जिंदल के अनुसार जिस तरह बीमारी फैल रही है, उसको देखते हुए इसका निदान भी जरूरी है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से शीघ्र ही केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सैंपल टेस्ट करने की अनुमति मांगी जाएगी। हमारी लैब में पूरे संसाधन उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि अभी भोपाल में सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। हरियाणा से अभी तक 161 सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं। उन्होंने बताया कि अभी तक लंपी बीमारी के सैंपल भोपाल में चेक किए जा रहे हैं। यह सैंपल पंजाब में रीजनल डायग्नोस्टिक लैब जालंधर के माध्यम से भोपाल जाते हैं। अगर केंद्र सरकार से अनुमति मिल जाती है तो पंजाब, हरियाणा के पशुओं में लंपी बीमारी के सैंपल हिसार की लुवास में ही टेस्ट करने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

लुवास के डायरेक्टर रिसर्च नरेश जिंदल ने बताया कि हम यह सर्वे कर रहे हैं कि पिछली बार जब लंपी बीमारी जिन सात-आठ जिलों में आई थी, अब उन जिलों में क्या स्थिति है। इन जिलों से कुछ महीने पहले यह बीमारी आई थी। इसलिए इन जिलों का सर्वे किया जा रहा है। जिस स्थान पर पशु लंपी बीमारी की चपेट में आता है, वहां पर करीब चार किलोमीटर के एरिया को चिन्हित किया जाता है। इसके अलावा लुवास के विशेषज्ञ, पशुपालन विभाग के साथ मिलकर जागरूकता कैंप लगा रहे हैं।

एक जानकारी के अनुसार लंपी वायरस प्रदेश के 500 गांवों में फैल चुकी है। इससे अब तक 7182 से अधिक गोवंश संक्रमित हुआ है जबकि 40 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। हरियाणा के यमुनानगर व अंबाला जिलों में सबसे अधिक पशु इससे संक्रमित हैं, जबकि पंजाब में 40 हजार 198 पशु संक्रमित हो चुके हैं और 1314 की मौत हो चुकी है। हरियाणा ने पांच लाख गोट पॉक्स वैक्सीन का ऑर्डर दे दिया है। प्रदेश में करीब 62.92 लाख गाय व भैंस है। इनमें 19.32 लाख गोवंश है। लुवास विशेषज्ञ आशावान है कि केन्द्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद हिसार में टेस्ट की सुविधा शुरू होगी और बीमारी की रोकथाम में मदद मिलेगी।

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