राष्ट्रीय

जब तक हिन्दू समाज संगठित नहीं होगा देश का भला नहीं हो सकता : अनिल ओक

-देश का नेतृत्व करने के लिए स्वाभिमानी और चरित्रवान होना जरूरी

-समाज में परिवर्तन के लिए आगे आना होगा

-संघ की शाखा से होता व्यक्तित्व का निर्माण

लखनऊ, 09 जून । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह व्यवस्था प्रमुख अनिल ओक ने कहा कि समाज जब तक हिन्दू समाज संगठित नहीं होगा, देश का भला नहीं हो सकता है। समाज को संगठित होकर एक साथ काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समाज की सोच और विचार में प्रत्येक व्यक्ति परिवर्तन चाहता है, लेकिन यह बदलाव सरकार और भगवान के भरोसे नहीं होने वाला है, इसके लिए हमें स्वयं आगे आकर काम करना होगा।

अनिल ओक गुरूवार को सरस्वती कुंज निरालानगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग द्वितीय वर्ष के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में अनेक प्रकार की समस्याएं है, इसे लेकर संसद, विधानसभा सहित कई जगहों पर चर्चाएं होती हैं, लेकिन उसका समाधान होता कहीं नहीं दिख रहा है।

उन्होंने कहा कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं, जिन्होंने समस्याओं के कारण अपना अस्तित्व खो दिया। लेकिन हमारे में देश में जातिवाद जैसी समस्याएं सैकड़ों वर्षों से हैं फिर भी आज हम खड़े हैं। इस बात से यह साबित होता है कि समस्याएं इतनी शक्तिशाली नहीं, जो हमारा अस्तित्व समाप्त कर सकें।

देश का नेतृत्व करने के लिए स्वाभिमानी और चरित्रवान होना आवश्यक

अनिल ओक ने कहा कि देश का नेतृत्व करने के लिए प्रतिभावान होने की जरूरत नहीं है, स्वाभिमानी और चरित्रवान होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हिन्दू मार्ग ही ऐसा है, जो सभी धर्मों को साथ लेकर चलता है। इस मार्ग से जुड़कर ही समाज में परिवर्तन लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिस समाज में हीन भावना होती है, वह कभी उन्नति नहीं कर सकता है।

शाखा के माध्यम से होता है व्यक्तित्व का निर्माण

ओक ने कहा कि शाखा के माध्यम से व्यक्तित्व का निर्माण होता है, यहां छोटे-छोटे कार्यों से व्यक्ति के अंदर परिवर्तन लाने की कोशिश होती है। साथ ही सभी एकजुट होकर रहें, समाज संगठित हो, यह भी सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि कर्तव्यभावना का निर्माण भी शाखा में होता है, इसलिए हमें यही भावना खुद के अंदर विकसित करनी है।

सनातन धर्म की शाखा है सिख पंथ: सरदार डॉ.गुरमीत सिंह

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गुरुद्वारा श्री गुरु तेगबहादुर साहब जी यहियागंज के अध्यक्ष सरदार डॉ.गुरमीत सिंह ने कहा कि सिख पंथ सनातन धर्म की शाखा है। सनातन की रक्षा के लिए ही सिख पंथ की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि कट्टरता का समर्थन नहीं करना चाहिए। मदरसे कट्टरता की शिक्षा दे रहे हैं। इसलिए कट्टरता फैलाने वाले मदरसों को बंद करना चाहिए।

सरदार गुरमीत सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में सामाजिक समरसता निर्माण करने के लिए कार्य कर रहा है। हमें सुख, दुख और मोह से ऊपर उठकर देश के लिए काम करने की जरूरत है।

स्वयंसेवकों ने किया शारीरिक प्रदर्शन

कार्यक्रम शुरू होने पर स्वयंसेवकों ने ध्वज की प्रदिक्षिणा करते हुए संचलन किया। इसके शिक्षार्थियों ने दण्ड योग,व्यायाम योग,योगासन,पदविन्यास,नि:युद्ध और दण्ड युद्ध का सामूहिक प्रदर्शन किया।

वर्ग कार्यवाह बांकेलाल यादव ने वर्ग के बारे में बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के द्वितीय वर्ष के इस वर्ग में संघ रचना अनुसार 92 जिलों से कुल 264 स्वयंसेवक शामिल हुए। इसमें 18 स्वयंसेवक नेपाल राष्ट्र से भी थे।

संघ के प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित

इस अवसर पर वर्ग के सर्वाधिकारी अंगराज सिंह, वर्ग के पालक नरेन्द्र सिंह लखनऊ के विभाग संघचालक जयकृष्ण सिन्हा, क्षेत्र प्रचारक अनिल, अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल, सह प्रान्त प्रचारक मनोज, विद्या भारती के सह संगठन मंत्री यतीन्द्र, वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्र संगठन मंत्री मनीराम पाल, प्रान्त प्रचारक प्रमुख यशोदा,अवध प्रान्त के सह प्रान्त बौद्धिक प्रमुख मनोजकांत, वरिष्ठ प्रचारक वीरेश्वर द्विवेदी और स्वामी मुरारी दास प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

आभार ज्ञापन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लखनऊ विभाग के सह विभाग कार्यवाह बृजेश पांडेय ने किया।

कार्यक्रम का संचालन वर्ग के मुख्य शिक्षक अखिलेश ने किया।

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