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तकनीक और आधारभूत संरचना के विकास से कृषि क्षेत्र में बढ़ेगा रोजगार : तोमर

नई दिल्ली, 16 अगस्त। केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में तकनीक और आधारभूत संरचना के विकास से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे किसानों को फायदा होगा।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से आयोजित व्याख्यान श्रृंखला के समापन कड़ी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, कृषि क्षेत्र में तकनीक का उपयोग बढ़ाने और गांव-गांव तक कृषि आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए सरकार काम कर रही है। जिससे खेती में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से उद्बोधन में भी कृषि क्षेत्र को पुनः महत्व दिया है। पीएम मोदी ने आह्वान किया था कि किसानों की आय दोगुनी होना चाहिए, कृषि में तकनीक का उपयोग व छोटे किसानों की ताकत बढ़नी चाहिए, हमारी खेती आत्मनिर्भर कृषि में तब्दील होनी चाहिए, पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए, कृषि की योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता होना चाहिए, अनुसंधान बढ़ना चाहिए, किसानों को महंगी फसलों की ओर जाना चाहिए, उत्पादन व उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों को उनकी उपज के वाजिब दाम मिलना चाहिए।

तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश के लिए सरकार ने एक लाख करोड़ के इंफ्रास्ट्रक्चर फंड का प्रावधान किया है। साथ ही अन्य संबद्ध क्षेत्रों को मिलाकर डेढ़ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड तय किया गया है। एग्री इंफ्रा फंड के अंतर्गत 14 हजार करोड़ रु. के प्रोजेक्ट आ चुके हैं, जिनमें से 10 हजार करोड़ रु. के स्वीकृत भी हो गए हैं। सिंचाई के साधनों में भी बढ़ोत्तरी हो रही है, जल सीमित है इस लिए सूक्ष्म सिंचाई पर फोकस हैं। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का लाभ आम किसानों तक पहुंचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई कोष 05 हजार करोड़ रु. से बढ़ाकर 10 हजार करोड़ रु. किया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि छोटे किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इस स्कीम में अभी तक लगभग साढ़े 11 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 02 लाख करोड़ रु. से ज्यादा राशि जमा कराई जा चुकी हैं।

उल्लेखनीय है कि आईसीएआर की ओर से आयोजित व्याख्यान श्रृंखला 17 मार्च 2021 को शुरू हुई थी और विभिन्न विषयों पर 75 व्याख्यान विशेषज्ञों, प्रख्यात वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं, आध्यात्मिक नेताओं, प्रेरक वक्ताओं और सफल उद्यमियों द्वारा दिए गए। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर तोमर ने ‘आत्मनिर्भर कृषि’ विषय पर व्याख्यान दिया।

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