हरियाणा

विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए डीसीपीओ ने स्लम बस्तियों के 18 बच्चों के बनवाये आधार कार्ड


उपायुक्त के निर्देशन में जरूरतमंद बच्चों के लिए लहराड़ा में आयोजित किया गया चौथा मेगा कैंप


-सडक़ की स्थिति वाले बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए किये जा रहे हर संभव प्रयास: डीसीपीओ ममता शर्मा
-सर्वे करने के बाद बच्चों के जरूरी कागजात बनवाने के लिए किये जा रहे कैंप आयोजित: संरक्षण अधिकारी आरती
सोनीपत, 09 अगस्त। जरूरतमंद, बेसहारा और स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों को विकास की मुख्यधारा से जोडऩे के प्रयासों की कड़ी में जिला बाल संरक्षण कार्यालय (डीसीपीओ) ने शिविर का आयोजन कर स्लम बस्ती के 18 बच्चों के आधार कार्ड बनवाये। इन बच्चों को अब शिक्षा के लिए स्कूलों में भेजा जाएगा।
उपायुक्त ललित सिवाच के निर्देशन में जरूरतमंद व स्लम बस्तियों के  बच्चों को खोजकर सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान करने के  दिशा में विशेष कदम बढ़ाये जा रहे हैं, ताकि उन्हें विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। यह जिम्मेदारी अतिरिक्त उपायुक्त शांतनू शर्मा को सौंपी गई है, जिनके नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत जिला बाल संरक्षण इकाई विशेष रूप से प्रयासरत है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) ममता शर्मा ने बताया कि इसके लिए लगातार सर्वे कार्य करते हुए कैंप आयोजित किये जा रहे हैं। इस कड़ी में उपायुक्त के निर्देशन एवं अतिरिक्त उपायुक्त के नेतृत्व में मंगलवार को लहराड़ा स्थित राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला में चौथे मेगा कैंप का सफल आयोजन किया गया।
डीसीपीओ ममता शर्मा ने बताया कि लहराड़ा स्थित स्लम बस्ती में सर्वे के दौरान 45 बच्चों को चिन्हित किया गया, जिन्हें विशेष कैंप में बुलाया गया। किंतु कुछ बच्चे बाहर होने के कारण नहीं आ सके। कैंप में 23 बच्चों ने हिस्सा लिया, जिनमें से अधिकांश बच्चों के आधार कार्ड मौके पर ही बनवाये गये। इन बच्चों की कैंप में स्वास्थ्य जांच करते हुए जरूरी परामर्श व नि:शुल्क दवाइयां वितरीत की गई। इनमें से अधिकतर बच्चों को स्कूल भेजा जाएगा, जबकि चार बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र में भेजेंगे। सभी बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सीडब्ल्यूसी ने सभी बच्चों को सडक़ की स्थिति वाले बच्चों की श्रेणी में शामिल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सडक़ से बच्चों को आसमान की ऊंचाई पर ले जाने के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। इसलिए इन बच्चों को शिक्षा हासिल करने के लिए स्कूलों में भेजा जाएगा। सडक़ से स्कूल तक के मार्ग में इन्हें हर संभव मदद दी जाएगी।
संरक्षण अधिकारी (गैर-संस्थानिक) आरती ने कहा कि सडक़ की स्थिति वाले बच्चों को चिन्हित करने के लिए ही सर्वे करवाया जाता है। चिन्हित बच्चों के आवश्यक कागजात बनवाने के लिए मेगा कैंप आयोजित किये जा रहे हैं, ताकि ऐसे बच्चों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं फायदा मिल सके। योजनाओं का लाभ उठाने के लिए दस्तावेजों की जरूरत रहती है, जबकि सडक़ की स्थिति वाले बच्चों के पास कागजात नहीं मिलते। इसलिए पहला कार्य इनके जरूरी कागजात तैयार करवाना है, जिनमें आधार कार्ड प्रमुख रूप से शामिल है।
इस मौके पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी ममता शर्मा व संरक्षण अधिकारी आरती ने कैंप के सफल आयोजन में सहयोग देने के लिए सभी अधिकारियों-कर्मचारियों का विशेष रूप से आभार प्रकट किया। इनमें आधार कार्ड की टीम, स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम तथा जिला बाल संरक्षण इकाई व सीडब्ल्यूसी की टीम और एनजीओ स्प्रैड स्माईल फाउंडेशन विशेष रूप से शामिल रहे। इस दौरान सबने स्कूल परिसर में पौधारोपण भी किया।

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