विश्व ईवी दिवस : सर्वे में इलेक्ट्रानिक वाहन बेहतर विकल्प
–कारण, बढ़ते पेट्रोल-डीजल की कीमतें और पर्यावरण का ह्रास
–ईश्वर शरण महाविद्यालय के छात्रों ने किया खुलासा
प्रयागराज, 09 सितम्बर। विश्व भर में 9 सितम्बर को “विश्व ईवी दिवस“ के रूप में मनाया जाता है। दुनिया भर में इलेक्ट्रानिक वाहनों की मांग बढ़ती जा रही है। वर्तमान समय इलेक्ट्रानिक वाहन आटो-मोबाइल क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। भारत समेत दुनिया भर में इलेक्ट्रानिक वाहनों का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। ये वाहन न सिर्फ तेजी से प्रदूषण कम करने में मददगार हैं बल्कि पेट्रोल डीजल द्वारा चालित वाहनों की तुलना में किफायती भी है।
इसी संदर्भ में ईश्वर शरण पी.जी कालेज के अर्थशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. वेद प्रकाश मिश्र के निर्देशन में परास्नातक छात्र श्रेष्ठ सिंह ने प्रयागराज में इलेक्ट्रानिक वाहनों के प्रयोग को लेकर लोगों की मानसिकता का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि प्रयागराज शहर में ई-रिक्शा पब्लिक यातायात का सबसे बड़ा माध्यम है। लगभग 12 हजार ई रिक्शा शहर में यातायात की सेवाएं प्रदान कर रहें हैं। यद्यपि इलेक्ट्रानिक बसें भी यातायात की सेवाएं प्रदान कर रही हैं।
सर्वे के दौरान यह प्रश्न कि अगला वाहन खरीदने में आप किस प्रकार के वाहन को वरीयता देंगे, इसके उत्तर में लगभग 55 प्रतिशत लोगों ने बताया उनका अगला वाहन इलेक्ट्रॉनिक वाहन होगा। 22 प्रतिशत ने सीएनजी आधारित वाहन तथा लगभग 19 प्रतिशत ने पेट्रोल डीजल आधारित वाहन खरीदने को वरीयता दी। इसका कारण पूछने पर लोगों ने पर्यावरण संरक्षण, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के बेहतर प्रदर्शन को माना। सर्वे के दौरान पाया गया कि 75 प्रतिशत लोगों का यह विश्वास है कि आने वाले भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक वाहन पारम्परिक वाहन ईंधन (पेट्रोल-डीजल) को प्रतिस्थापित कर देंगे। प्रतिस्थापन के कारणों को पूछने पर 90 प्रतिशत लोगों ने इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को पर्यावरण के अनुकूल व किफायती बताया।
इस दौरान पाया गया कि प्रयागराज के लोगों की मानसिकता इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के प्रयोग को लेकर सकारात्मक है। प्रयोग को बढ़ावा देने के संदर्भ में अध्ययन में यह सुझाव दिया गया कि सार्वजनिक यातायात में ज्यादा से ज्यादा ई बसों को लाया जाय। जगह-जगह चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित किया जाय। सरकार द्वारा ई-वाहन खरीदने के लिए दी जा रही सुविधाओं के प्रति लोगों को जागरूक किया जाय। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.आनंद शंकर सिंह ने कहा कि महाविद्यालय द्वारा इस तरह के फील्ड आधारित अध्ययन को बढ़ावा दिया जाता है ताकि यहां के छात्र एवं छात्राएं शोध के वास्तविक स्वरूप को समाज के समक्ष प्रस्तुत कर सकें।