मन में सदैव अच्छे विचार व अहसासों को जगह दे तो दिमाग में पाजिटिव तरंगों का उदय होगा : गुप्ति सागर
गुप्तिधाम में प्रवचन के बाद श्रद्वालुओं को आशिर्वाद देते गुप्ति सागर महाराज
गन्नौर। गुप्ति सागर महाराज ने कहा कि इंसान को मन में सदैव अच्छे विचार और अच्छे अहसासों को जगह देनी चाहिए ताकि दिमाग में पाजिटिव तरंगो का उदय हो सकें। गुप्ति सागर महाराज शनिवार को गुप्तिधाम में प्रवचनों की रसधारा प्रवाहित कर रहें थे। उन्होंने कहा कि एक बार जहागीर बादशाह के साले के किसी मुह लगे नौकर ने कही गड़बड़ कर दी। न्याय के अनुसार उसे मौत की सजा दी गई। लेकिन साले ने अपनी बहन बेगम नूरजहां से कहा कि उसे माफ करवा दो। बेगम ने बादशाह से उसे माफ करने को कहा लेकिन बादशाह नही माना। गुप्ति सागर महाराज ने कहा कि बादशाह के मना करने पर बेगम ने नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि नूर के इशारे पर जान कुर्बान करने वाले आप क्या मेरा इतना भी मनचाहा नही कर सकते है। इस पर बादशाह ने उतर दिया कि कि मैने जान बेची है, ईमानदारी नही इस पर नूरजहां चुप हो गई। गुप्ति सागर महाराज ने कहा कि इंसान को वेद पुराण,कुरान,गीता को चाहें जाने या ना जाने कोई बात नही,परंतु उसको समझदारी,जवाबदारी,वफादारी और ईमानदारी इन चार शब्दों का मर्म जानों तो जीवन सार्थक हो जाएगा। इस मौके पर ब्रहमचारिणी रंजना दीदी,एस के जैन एडवोकेट,अमित जैन,पंीती जैन,पवन जैन सहित भारी संख्या में श्रद्वालु मौजूद रहें।