हरियाणा

महिला उत्थान के लिए हर अपेक्षा पूर्ण करते हुए उन्हें आगे बढ़ाने में नहीं छोड़ेंगे कोई कोर-कसर:मुख्यमंत्री

-महिला अबला नहीं शक्ति का स्वरूप है जो कर रही हर क्षेत्र में नाम रोशन

-पंचायती चुनावों में महिलाओं के लिए अपनाया जा सकता है ऑड-ईवन फार्मूला

– हर जिले में हस्तशिल्प मेलों का करवायेंगे आयोजन जिससे मिलेगा स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन

– महिला ऋण रिवोल्विंग फंड बढ़ाकर किया 20 हजार, स्वयं सहायता समूहों को दिया गया 796 करोड़ का ऋण

-4000 आंगनवाड़ी केद्रों को तब्दील किया प्ले-वे स्कूलों में, कामकाजी महिलाओं की सहायतार्थ 500 नये क्रैच खोले गए

-बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ मुहिम रंग लाई, अब प्रदेश में वार्षिक लिंगानुपात 930 हुआ: मनोहर लाल

-मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महिला प्रशिक्षण शिविर में दी प्रदेश की महिलाओं को समर्पित योजनाओं की जानकारी

-जीवीएम गल्र्स कालेज में आयोजित महिला प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री ने भारतमाता की प्रतिमा पर अर्पित की पुष्पांजलि

सोनीपत।। संजीव कौशिक।।  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के उत्थान और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए उनकी हर अपेक्षा को पूर्ण करते हुए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। इस दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और उनकी प्रदेश सरकार समर्पित रूप से कार्यरत है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल शनिवार को जीवीएम गल्र्स कालेज में आयोजित महिला प्रशिक्षण शिविर में शिविरार्थी महिलाओं को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे, जिसका आयोजन भाजपा की महिला मोर्चा इकाई के तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में पहुंचने पर उन्होंने भारतमाता की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए चरण वंदना की। तदोपरांत महिलाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब महिला सशक्तिकरण की बात नहीं होनी चाहिए। महिला अबला नहीं है वह सबला है और शक्ति का स्वरूप है जिसकी पूजा होती है। हां, बहन-बेटियों की आवश्यकताएं हो सकती है जिन्हें पूरा करना शासन-व्यवस्था का काम है। इसके  लिए केंद्र व प्रदेश सरकार मिलकर कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन-व्यवस्था में भी महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जा रहा है। राजनीति में 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। पंचायतों में भी 50 प्रतिशत भागीदारी की ओर कदम बढ़ाये हैं किंतु इस मामले में कोर्ट ने रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि एक महिला ने भागीदारी की बजाय आरक्षण शब्द जोडऩे के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने सवाल किया कि आरक्षण और भागीदारी में क्या अंतर है। फिर उन्होंने स्वयं बताया कि आरक्षण में 50 प्रतिशत से ऊपर भी महिलाओं को हिस्सेदारी मिल सकती है। इस मामले में बीच का रास्ता अपनाने पर विचार किया जा रहा है। चुनावों में ऑड-ईवन के फार्मूले के  आधार पर महिलाओं को भागीदारी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में भी महिलाओं के जाने के रास्ते खोल दिए हैं, जिसके लिए उन्होंने महिला कमिशन बनाया है। प्रदेश में पीडीएस में महिलाओं का कोटा निर्धारित करते हुए घर के काम-काज में भागीदारी बढ़ाने के  लिए उन्हें रोजगार देने में प्राथमिकता देने की ओर कदम बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश में महिलाओं के 51 हजार स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे 5 लाख से अधिक परिवार जुड़े हुए हैं। महिलाओं को 5 लाख तक का ऋण दिया जाता है जिसके लिए बैंक के श्रम शुल्क को भी नि:शुल्क किया गया है। प्रदेश में वीटा केंद्र स्थापित किये हैं जिनमें 151 केंद्र महिलाएं चला रही हैं। साथ ही 500 हर हित स्टोर स्थापित किये हैं जिनमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। गरीब लोगों के लिए बनाई अटल कैंटिन में भी 100 से से अधिक स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं काम कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के लिए अच्छी योजनाएं चलाई जा रही हैं। बैंकों के 1889 सुविधा प्रदाता केंद्रों में महिलाएं कार्यरत हैं। महिलाओं के ऋण रिवोल्विंग फंड को 10 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये किया गया है। स्वयं सहायता समूहों को 796 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया है। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत आयोजित किये गये मेलों के माध्यम से भी एक लाख रुपये की तक आय वाले परिवारों को रोजगार दिया गया है। इसके लिए महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। बैंकों में सुकन्या समृद्घि खाते हर व्यक्ति को खुलवाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों के स्तर में सुधार के लिए प्रदेश के 4000 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले-वे स्कूलों में तब्दील किया गया है। साथ ही कामकाजी महिलाओं की सहायतार्थ 500 नये क्रैच खोले गए है। गरीब परिवारों के लिए बेटी के जन्म पर 21 हजार रुपये की राशि  दी जाती है जो 18 वष की आयु पूर्ण होने पर एक लाख रुपये हो जाती है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपये तथा अनुसूचित जाति के परिवारों को 71 हजार  रुपये की सहायता राशि दी जाती है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा को बेटियों को मारने वाले प्रदेश में रूप में जाना जाता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में पानीपत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की जिसके सफल परिणाम मिले और छवि में सुधार हुआ। अब प्रदेश में प्रति वर्ष लिंगानुपात 930 पर पहुंच गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री किशोरी योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व योजना, इंद्रधनुष योजना, उज्ज्वला योजना आदि की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उज्ज्वला योजना के तहत सवा नौ लाख गैस कनैक्शन दिए गए हैं। महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए हैल्पलाईन नंबर 1091 तथा 112 सुविधा को सुदृढ़ किया गया है। वन स्टोप सेंटर तथा हर जिले में महिला पुलिस थानों की शुरुआत की गई है। महिला पुलिस की संख्या भी 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत की गई है, जिसे 14-15 प्रतिशत तक लेकर जाने का लक्ष्य है। सरकार महिला शिक्षा को समर्पित है जिसके तहत हर 20 किलोमीटर में महिला कालेज स्थापित किये जा रहे है। प्रदेश में 67 नये कालेज खोले गए जिनमें से 42 सिर्फ लड़कियों के लिए खोले गए जबक शेष 25 कालेजों में भी सह-शिक्षा की व्यवस्था की गई। साथ ही 29 नई आईटीआई भी स्थापित की गई। इस दौरान उन्होंने खेलों में महिला खिलाडिय़ों के सफल प्रदर्शन की भी मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री ने हस्तशिल्प व स्वयं सहायता समूहों के प्रोत्साहन के लिए घोषणा की कि वे हर जिले में हस्तशिल्प मेले लगवायेंगे, जिनमें महिलाओं द्वारा तैयार वस्तुओं की स्टॉल लगाई जाएगी। ऐसी वस्तुओं की ब्रांडिंग की दिशा में भी कदम बढ़ाये जायेंगे। सूरजकुंड मेले व गीता जयंती महोत्सव कुरुक्षेत्र में लगने वाले मेलों की तर्ज पर यह मेले लगायेंगे। हाल ही में ऐसा आयोजन पंचकूल में किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित महिलाओं से सीधा संवाद करते हुए उनके सवालों के जवाब भी दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में अंत्योदय परिवार उत्थान मेलों के आयोजन के दस राउंड पूरे किये जायेंगे, जिनमें से तीन राउंड हो चुके हैं। इन मेलों के माध्यम से एक लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों को रोजगार के लिए सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद महिलाओं को इन मेलों का लाभ उठाना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के साथ भी जरूरतमंद महिलाओं को जोड़ा जाए।

इस मौके पर भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सुमित्रा चौहान ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया और उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अन्नूपूर्णा सहित सांसद रमेश कौशिक, सुधा यादव, संतोष यादव, विधायक निर्मल चौधरी, विधायक मोहनलाल बड़ौली, पूर्व मंत्री कविता जैन, सुमन दहिया, रजनी विरमानी, प्रोमिला मलिक, आशा खेदड़, मीना परमारर, निर्मल बैरागी, लतिका शर्मा, संतोष यादव, अंजलि मिश्रा, सुनीता लोहचब, सोनिया अग्रवाल, किरणबाला, वरिष्ठï नेता ललित बतरा, भाजपा के जिलाध्यक्ष तीर्थ राणा, देवेंद्र कौशिक, जिला महामंत्री योगेशपाल अरोड़ा, रविंद्र दिलावर, आजाद नेहरा, जसबीर दोदवा, नीरज आत्रेय, पुनीत त्यागी, सुरेंद्र मदान, चरण सिंह जोगी, अनीता कुंडू, आदि गणमान्य महिलाएं मौजूद थी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker