कामनवेल्थ गेम्स में गन्नौर के गांव पुगथला के पहलवान नवीन ने परचम लहराया, सिल्वर मेड़ल किया पक्का
नवीन की कुश्ती को देखने के लिए टेलीविजन के आगे बैठे हुए।
-74 किलोग्राम भार वर्ग फ्री स्टाइल मुकाबले में इंग्लैंड के पहलवान चार्ली बालिंग को सेमीफाइनलमें 12-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई, नवीन ने सिल्वर पदक किया पक्का
गन्नौर। गांव पुगथला निवासी नवीन पहलवान ने कामनवेल्थ गेम्स में फाइनल में जगह बनाकर कर अपने नाम एक पदक पक्का कर लिया है। नवीन के फाइनल में पहुंचने पर उनके गांव व घर पर खुशी का माहौल है। नवीन ने 74 किलोग्रामभर वर्ग में कवार्टर फाइनल मुकाबले में सिंगापुर के पहलवान होंग लू को हराकर सेमिफाइनल में जगह बनाई थी। आज के मुकाबले में नवीन ने सेमिफाइनल मुकाबले में इग्लैंड के पहलवान चार्ली बाउलिंग को 12-1 से हराकर फाइलन में जगह बनाकर भारत के लिए एक और मेडल पक्का कर दिया है। नवीन के फाइनल में पहुंचने पर उनके घर पर खुशी का माहौल है। नवीन के पिता एक साधारण किसान है और खेतों मे ही मकान बनाकर रहते है। नवीन के पांच भाई बहनों में सबसे छोटा है तीन बहने है जो बड़ी है उसके बाद प्रवीन और उसके बाद नवीन है। नवीन की माता भी एक गृहणी है और वो नवीन की इस उपलब्धी पर काफी खुश है।
बचपन से ही कुश्ती का शौक था पहलवान नवीन को
पहलवान नवीन के पिता धर्मपाल ने बताया कि नवीन को बचपन से ही कुश्ती का शौक था और उसने नौ साल की उम्र में कुश्ती लडनÞी शुरू कर दी थी। उन्होंने बताया कि नवीन के बड़े भाई भी कुश्ती करते है वो 2016 में अपने बड़े भाई के पास सोनीपत में बलवान के पास कुश्ती सिखने के लिए चला गया। धर्मपाल ने बताया कि उसके बड़े भाई प्रवीन की नौकरी नैवी में लग गई उसके बाद नवीन कुलदीप पहलवान के पास कुश्ती सिखने लगा और उसकी भी नौकरी वर्ष 2022 में नैवी में लग गई अब नवीन भी नैवी में नौकरी करता है।
पहलवान के पिता ने बताया कि इससे पहले नवीन नेशनल जूनियर में खेलकर सिल्वर पदक लेकर आए थे उसके बाद नवीन ने मंगोलिया में आयोजित सीनियर वर्ग में 70 किलोग्राम भार में गोल्ड़ मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया था। उन्होंने बताया कि इसके बाद नवीन ने कामनवेल्थ के लिए क्वालीफाई किया था उन्हें पूरी उम्मीद है कि वो स्वर्ण पदक लाकर देश प्रदेश व गांव का नाम रौशन करेंगा।
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