राष्ट्रीय

“बालासाहेब की शिवसेना” के चुनाव चिह्न “दो तलवार और एक ढाल” पर सिख समुदाय ने आपत्ति जताई

मुंबई, 15 अक्टूबर। शिवसेना के शिंदे समूह “बालासाहेब की शिवसेना” को चुनाव आयोग की ओर से आवंटित चुनाव चिह्न “दो तलवार और एक ढाल” पर नांदेड़ के सिख समुदाय ने आपत्ति जताई है। नांदेड़ के सचखंड गुरुद्वारा बोर्ड के पूर्व सदस्य रंजीत सिंह कामठेकर ने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत कर इसे निरस्त करने की मांग की है।

कामठेकर ने शनिवार को पत्रकारों से कहा कि “दो तलवार और एक ढाल” का उपयोग चुनाव चिह्न के रूप में नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह चिह्न खालसा पंथ के धार्मिक प्रतीक से मेल खाता है। उन्होंने कहा कि जब गुरु गोविंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, उस समय उन्होंने तलवार और ढाल खालसा पंथ को दिया था। हर दिन सुबह शाम इसी के प्रतीक कृपाण की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के शिंदे समूह ने चुनाव आयोग से त्रिशूल चुनाव चिह्न भी मांगा था, लेकिन धार्मिक आधार पर यह चिह्न किसी को भी आवंटित नहीं किया गया है। कामठेकर ने कहा कि अगर चुनाव आयोग उनकी बात नहीं सुनेगा तो वे इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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