राष्ट्रीय

 भारत सरकार निजीकरण और निगमीकरण की नीतियों पर पुनर्विचार करे : भारतीय मजदूर संघ

नई दिल्ली, 17 नवंबर भारतीय मजदूर संघ ने मांग की है कि केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के निजीकरण एवं निगमीकरण की नीतियों के संबंध में पुनर्विचार करे।

इस मांग को लेकर गुरुवार को संघ ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किया। इस विरोध प्रदर्शन में कोयला, नॉन कोल प्रतिरक्षा, डाक, रेलवे, बंदरगाह, बिजली इलेक्ट्रॉनिक, अंतरिक्ष टेलीकॉम एविएशन, एफसीआई व अन्य उद्योगों से जुड़े कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान संगठन से जुड़े लोगों ने अपनी 15 सूत्री मांग रखी।

भारतीय मजदूर संघ ने पब्लिक सेक्टर और सरकारी उपक्रम के निजीकरण पर रोक लगाने, बीमार उद्योगों को पुनर्जीवित करने, प्रतिरक्षा और रेलवे के निगमीकरण पर रोक, बैंकों के विलय और पब्लिक सेक्टर व बीमा कंपनी के निजीकरण पर रोक, कोल ब्लाक के लिए कमर्शियल माइनिंग की प्रक्रिया पर रोक, स्थाई कामगारों की भर्ती की प्रक्रिया पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी क्षेत्रों में प्रारम्भ करने, पब्लिक सेक्टर तथा सरकारी संस्थानों में कार्यरत ठेका मजदूरों को स्थाई करने सहित 15 मांगों की एक सूची केन्द्र सरकार को सौंपी है।

उल्लेखनीय है कि आज भारतीय मजदूर संघ की ओर से एक प्रतिनिधि मण्डल ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और केन्द्रीय मंत्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय से मुलाकात कर उन्हें उपर्युक्त लिखित मांगों का एक ज्ञापन पत्र सौंपा है।

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