गुना : बंद हो गया शहर का सबसे बड़ा जन सुविधा केंद्र
गुना
शहर का सबसे बड़ा जन सुविधा केंद्र बंद हो गया है। पुराने बस स्टैंड स्थित सुलभ कॉम्प्लेक्स में ताले डाल दिए गए हैं। पुराना आरटीओ परिसर नीलम हो जाने के बाद खरीददारों इसे बंद करने को कहा था। वहीं इस परिसर की बाउंडरी पर बनी दुकानों को भी हटाने के लिए बोल दिया गया है। कॉम्प्लेक्स बंद होने से हजारों नागरिकों पर प्रभाव पड़ेगा। बता दें कि पुराने आरटीओ परिसर के बाहर रात में अस्थायी बस स्टैंड संचालित होता है। ग्वालियर से इंदौर, भोपाल की तरफ जाने वाली बसें, भोपाल, इंदौर से ग्वालियर, अशोकनगर की तरफ जाने वाली बसें रात में यहीं रुकती हैं। हजारों नागरिक यहां से उतरते और चढ़ते हैं। उनके लिए इस इलाके में एकमात्र सुविधा केंद्र यही है। दूसरा सुविधा केंद्र एक किमी दूर जज्जी बस स्टैंड परिसर में है। दो किमी के एरिया में इसके अलावा एक भी पेशाब घर नहीं है।
मंगलवार को डाल दिये ताले-पुराने आरटीओ परिसर को नीलाम करने की तैयारी पिछले वर्ष से ही चल रही थी। आरटीओ कार्यालय बायपास पर शिफ्ट हो जाने के बाद से ही इसे बेचने की प्रक्रिया शुरू हो गयी थी। पिछले वर्ष हुई नीलामी में तीन लोगों ने इसे खरीदा, लेकिन ज्यादा महंगा खरीद लेने के कारण उन्होंने इसे छोड़ दिया। पिछले महीने ही इसे शहर के बड़े व्यवसायी ने खरीदा है। दो दिन पहले ही खरीददार ने सुलभ कॉम्प्लेक्स संचालक को इसे बंद करने के लिए कहा था। इस कॉम्प्लेक्स में ताले डाल दिये गए है।
कई दुकानों पर पड़ेगा प्रभाव
पुराने आरटीओ कार्यालय की बाउंड्री से लगी कई दुकानें संचालित हैं। रात के समय यहां यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिलता है। बाकी समूचा बाजार बंद रहता है। रात में यात्रियों के लिए केवल यही दुकानें सहारा हैं। इनको भी खरीददार ने हटने के लिए कहा है। नगरपालिका की टीम ने भी इनसे मिलकर दुकानें खाली करने को कहा है। उनसे कहा गया कि वह खुद ही दुकानें हटा लें, नहीं तो प्रशासन की टीम हटाएगी। ऐसे में दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।
नेकी की दीवार पर फिर संकट
इसी पुरान आरटीओ कार्यालय परिसर में नेकी की दीवार भी संचालित होती है। यहां जरूरतमंदों के लिए कपड़े व अन्य सामान मिल जाता था। नेकी का दवाखाना भी यहीं संचालित होता है। इस परिसर के बिकने से अब नेकी की दीवार पर भी संकट पैदा हो गया है। पहले नेकी की दीवार हनुमान चौराहे पर संचालित होती थी, लेकिन सत्ता पार्टी के कुछ लोगों की आपत्ति के बाद इसे वहां से हटाकर इस परिसर में शिफ्ट किया गया था।