गुरुग्राम: किसी ने बीसी-ए, बी का अलग आरक्षण मांगा तो किसी ने ओबीसी के लिए
-गुरुग्राम में पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर हुई सुनवाई
-जनसुनवाई के दौरान आयोग ने आम जनता से प्राप्त किए सुझाव
गुरुग्राम, 19 अगस्त। पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने गुरुग्राम में जन सुनवाई की। इसमें गुरुग्राम मंडल के अंतर्गत पडऩे वाले तीनों जिलों नामत: गुरुग्राम, रेवाड़ी तथा महेंद्रगढ़ जिलों से समूहों में काफी संख्या में लोग आयोग को अपने सुझाव देने पहुंचे। आयोग के अध्यक्ष पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति दर्शन सिंह ने सुनवाई की।
गुरुग्राम में हुई जनसुनवाई में कुछ समूहों ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में बीसी-ए और बीसी-बी के लिए अलग-अलग आरक्षण का प्रावधान किया जाना चाहिए, तो कुछ ने कहा कि ओबीसी को ही आरक्षण दिया जाए। गुरुग्राम के रहने वाले सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेएस जांगड़ा ने आयोग के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बीसी-ए वर्ग के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए, ताकि उन्हें पंचायती राज संस्थाओं में प्रतिनिधित्व मिले। गुरुग्राम से ही आई रेखा यादव ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जाति का झगड़ा ही खत्म होना चाहिए तो रेवाड़ी से आए अनिल कुमार ने कहा कि क्वांटीफाई एबल डाटा अर्थात जाति की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का अनुपात तय हो। गुरुग्राम के अजीत सिंह ने कहा कि अबकी बार राज्य सरकार पुराने पैटर्न पर ही पंचायत चुनाव कराए। उसके बाद जातियों का सर्वे करवाकर आरक्षण का अनुपात तय करके अगले चुनाव में उसे लागू करे, क्योंकि अभी समय ज्यादा लग जायेगा।
जन्माष्टमी का पर्व होने के बावजूद गुरुग्राम मंडल के तीनों जिलों से काफी संख्या में लोग जनसुनवाई में समूहों में आए और उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए पिछड़ा वर्ग आयोग को 25 ज्ञापन दिए। आयोग के अध्यक्ष पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति दर्शन सिंह ने लोगों से कहा कि हम आपके पास आपके सुझाव लेने आए हैं कि पंचायती राज संस्थाओं में पिछड़ा वर्ग के लोगों को किस अनुपात में आरक्षण दिया जाए।
इससे पहले पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य सचिव एवं कुरुक्षेत्र जिला के उपायुक्त मुकुल कुमार ने आयोग के चेयरमैन तथा सभी सदस्यों का परिचय करवाया और बताया कि आयोग द्वारा 3 दिनों में मंडल मुख्यालयों पर दो-दो पब्लिक हियरिंग करके आम जनता से सुझाव प्राप्त किए जा रहे हैं। इस जनसुनवाई का उद्देश्य यही है कि पंचायती राज संस्थाओं में किस अनुपात में पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके बारे में आम जनता से सुझाव प्राप्त किए जाएं। सुझाव मिलने के बाद यह आयोग राज्य सरकार को इस विषय पर अपनी सिफारिशें भेजेगा।