नई दिल्ली, 22 दिसंबर। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कोरोना के हालात पर समीक्षा बैठक की। इसके बाद कहा कि अभी कोविड के नए वैरिएंट बीएफ-7 का एक भी केस नहीं मिला है, लेकिन हम सबको सतर्क रहने की जरूरत है। घबराने की जरूरत नहीं है।
जानकारी के अनुसार, सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री आवास पर कोरोना को लेकर हुई समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ सुरेश कुमार समेत स्वास्थ्य विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने इन सभी से पहले कोरोना के हालात पर चर्चा की। उसके बाद प्रेस वार्ता कर कहा कि जो हालात दिख रहा है वह चिंताजनक है, लेकिन दिल्ली में अभी कोई मामला सामने नहीं आया है। इसीलिए घबराने की जरूरत नहीं है। गत वर्ष दिल्ली में जब कोरोना पीक पर था तब 25 हजार बेड की जरूरत हुई थी। जिसे सरकार ने पूरा किया। आज आठ हजार बेड अभी खाली हैं। जरूरत हुई तो बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी।
केजरीवाल ने कहा कि ऑक्सीजन को लेकर पिछली बार मारामारी थी। ऑक्सीजन मिल नहीं रहा था। कहीं से मिल भी रहा था तो दिल्ली सरकार के पास उसे स्टोर करने की क्षमता नहीं थी। आज हालात बदल गए हैं। दिल्ली में 900 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन रखने की सुविधा उपलब्ध है।
बाहर से और ऑक्सीजन मंगवाना होगा तो उसके लिए भी पर्याप्त संख्या में टैंकर हैं। फिलहाल 180 एंबुलेंस दिल्ली सरकार के पास है। एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अभी प्रतिदिन ढाई हजार के करीब टेस्ट हो रहे हैं, दिल्ली में एक लाख तक भी टेस्ट हुए थे, जरूरत महसूस हुई तो एक लाख तक भी टेस्ट कराने में सरकार सक्षम है।
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के 100 फीसदी लोगों ने वैक्सिंग की दोनों डोज ले ली है, लेकिन बूस्टर डोज सिर्फ 24 फीसदी लोगों ने ली है। उन्होंने 76 फीसदी बचे लोगों से अपील करते हुए बूस्टर डोज लेने की सलाह दी। सरकार इसके लिए घर-घर जाकर वैक्सीन देने की व्यवस्था करेगी।