राष्ट्रीय

 सरदार पटेल भारत के जन-मन के नायक हैं: बिरला

नई दिल्ली; 31 अक्तूबर। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की ।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरदार वल्लभ भाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की ।संसद सदस्यों, पूर्व सांसदों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी पटेल की जयंती के अवसर पर संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की ।

इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोक सभा सचिवालय के संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड), द्वारा शिक्षा मंत्रालय और युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार के समन्वय से संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में देश भर के राज्यों और दो संघ राज्य क्षेत्रों के स्कूलों और कॉलेजों से चुने गए 75 युवा प्रतिभागी सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धासुमन अर्पित करने के समारोह में शामिल हुए। इनमें से 30 चुने हुए प्रतिभागियों ने राष्ट्र निर्माण में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किए ।

इस अवसर पर बिरला ने कहा कि सरदार पटेल भारत के जन मन के नायक हैं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राष्ट्र निर्माण में सरदार पटेल की भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्होंने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति से 500 से अधिक रियासतों को एकीकृत करते हुए भारत का एकीकरण किया।

बिरला ने आगे कहा कि आधुनिक भारत को आकार देने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और एक सुदृढ़ संविधान के निर्माण में उनकी भूमिका सराहनीय है। श्री बिरला ने यह भी कहा कि सरदार पटेल के जीवन से हम सभी को राष्ट्र के लिए स्वयं को समर्पित करने की प्रेरणा मिलती है।

भारत की विकास गाथा का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि हाल के नीतिगत उपायों से अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और कई अन्य क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है। उन्होंने भारत के युवाओं से अपील की कि वे स्वयं को कर्तव्य पथ पर समर्पित कर दें ताकि 2047 तक भारत एक विकसित देश बन सके।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल प्रतिबद्धता, कर्तव्यनिष्ठा और दृढ़ संकल्प के प्रतीक थे। उन्होंने भारत के युवाओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उनका हर विचार और कार्य देश और दुनिया को समृद्धि की ओर ले जाए।

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