कलयुग में यदि संत न होते तो संसार ईर्षा, द्वेष एवं मोहमाया में जलकर नष्ट हो जाता-राजीव जैन
खरखोदा, 21 मई। मुख्यमंत्री के पूर्व वीडियो सलाहकार राजीव जैन ने कहा कि संतो के प्रवचन को ध्यान से सुन कर जीवन में उतारना तथा उस पर चलने का प्रयास करना ही हमें मोक्ष के मार्ग पर ले जा सकता है। कलयुग में यदि संत न होते तो संसार ईर्षा, द्वेष एवं मोहमाया में जलकर नष्ट हो जाता। शनिवार को गांव खांडा में नारायण आश्रम के वार्षिकोत्सव में स्वर्गीय नारायण महाराज जी के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए राजीव जैन ने कहा कि उनका भौतिक शरीर आज हमारे बीच नहीं है परंतु उनके सद वचन, आशीर्वाद एवं भगवान की बनाई हुई क्रतियो की सेवा करने का संदेश की आभा हमेशा हमारे चारों तरफ रहेगी। कार्यक्रम के आयोजक रामानंद महाराज जी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन का स्कूल से मंदिर का रास्ता तथा हॉल बनवाने के लिए आभार व्यक्त किया। रामानंद महाराज जी ने कहा कि नारायण आश्रम आस पास के लोगों की श्रद्धा का केंद्र है और हर वर्ष हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से आकर मंदिर में माथा टेक कर अपनी मन्नत मांगते हैं। कार्यक्रम में स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी रामानंद, स्वामी सूरयानंद सरस्वती, स्वामी सतबीरा नन्द, स्वामी रामानंद, बाबा टेक राम दास, स्वामी कृष्ण देव, महंत कमल सागर, स्वामी रमाई नाथ, स्वामी राजेंद्र दास, स्वामी कल्याण देव मौजूद थे।