एमबीबीएस यूजी पाठ्यक्रम की बांड नीति के खिलाफ चिकित्सकों का विरोध, काली पट्टी बांधकर किया काम
सोनीपत
एमबीबीएस में प्रवेश के लिए करीब 10 लाख रुपये की बांड राशि जमा करने के नियम के खिलाफ नागरिक अस्पताल सोनीपत में तैनात चिकित्सक व अभ्यास के लिए आए छात्र-छात्राओं ने रोष प्रकट किया। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने सोमवार को काली पट्टी बांधकर काम किया।
बता दें कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दो नवंबर को कहा था कि किसी छात्र को सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश के समय 10 लाख रुपये बांड राशि जमा नहीं करनी होगी। हरियाणा सरकार के एक बयान के अनुसार उन्हें इसके बजाय संबंधित कॉलेज और बैंक के साथ इतनी राशि के बांड-सह-ऋण करार पर दस्तखत करने होंगे। बयान के अनुसार, ह्यह्ययदि एमबीबीएस/एमडी की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थी सात साल तक राज्य सरकार की सेवा में जाना चाहते हैं तो सरकार बांड राशि का वित्तपोषण करेगी। लेकिन जो लोग हरियाणा में सरकारी सेवा में नहीं आना चाहते उन्हें यह राशि खुद जमा करनी होगी।
चिकित्सक एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी चिकित्सक प्योरलाल ने कहा कि मेडिकल स्टूडेंटस की मांगें जायज है। सरकारी को जल्दी से जल्दी सभी मांगें पूरी करनी चाहिए। इसके साथ स्टूडेंटस पर जो केस दर्ज किए गए है, वह वापिस लिए जाएं। इस जिला प्रधान डा. राहुल आंतिल, डा. विकास, डा. श्यामसुंदर, डा. शेलेंद्र राणा, डा. नवदीप, डा.विशाल, डा. प्रदीप, डा. सीमा, डा.अनमोल ने नीति के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि 10 लाख वर्ष की बांड राशि, सात वर्ष की राज्य सेवा अन्यथा 40 लाख रुपए ओर ब्याज का भुगतान जब्त कर लिया जाएं। सात वर्ष की राज्य सेवा के लिए सेवा बांड की अवधि लेकिन केवल रोजगार उपलब्ध 6 हजार उम्मीदवारों में से 900 एमओ का मतलब हर वर्ष 5 हजार बैकलॉग है। सरकार नौकरी की कोई गारंटी नहीं लेती। बांड केवल एमबीबीएस पर लागू होता है, न कि अन्य पाठ्यक्रमों के लिए। सरकार से अपील है कि प्रदेश में चिकित्सकों व छात्रों मांगों का पूरा करने का काम करें।
सुबह से चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर दिन भर काम किया। अस्पताल में आने वाले मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई। अपनी मांगों को रखना सभी का हक है। अस्पताल में किसी प्रकार की परेशानी मरीजों को नहीं होने दी।