बिहार

अति पिछड़ों को अपमानित करने वाले नीतीश कुमार इस्तीफा दें: सुशील मोदी

पटना, 09 अक्टूबर। पूर्व उप मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने नीतीश सरकार पर रविवार को हमला बोलते हुए कहा कि अति पिछड़ों को अपमानित करने वाले नीतीश कुमार इस्तीफा दें। अति पिछड़ों को आरक्षण दो, तत्काल चुनाव कराओ। चुनाव में अब तक हुए खर्च की भरपाई सरकार करें।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में सरकारी नौकरियों तथा स्थानीय निकायों में अति पिछड़ों को आरक्षण उन्हीं सरकारों में मिला जिसमें जनसंघ या भाजपा शामिल थी। 1978 में स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की सरकार में पंडित कैलाशपति मिश्र वित्त मंत्री थे, जिस कार्यकाल में ईबीसी को 26 प्रतिशत सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिला। वर्ष 2007 में बिहार में एनडीए की सरकार ने स्थानीय निकायों में ईबीसी को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया जिसमें भाजपा शामिल थी और मैं नगर विकास का मंत्री था।

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने जिस राजद कांग्रेस से हाथ मिलाया है उस लालू-कांग्रेस राज में 23 साल तक स्थानीय निकाय का चुनाव नहीं हुआ। वर्ष 2003 में राबड़ी राज्य में स्थानीय निकाय में ईबीसी तो छोड़िए दलितों को भी आरक्षण से वंचित कर चुनाव करा दिया गया। वर्ष 2007, 2012, 2017 में जब चुनाव हुआ उस समय सर्वोच्च न्यायालय का ट्रिपल टेस्ट संबंधी कोई निर्देश नहीं था। सुप्रीम कोर्ट का ट्रिपल टेस्ट संबंधी निर्देश पिछले 12 माह में निर्गत किए गए हैं।

राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर ने 4 फरवरी तथा 12 मार्च को राज्य सरकार को परामर्श दिया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार विशेष आयोग गठित करना आवश्यक है। राज्य निर्वाचन आयोग ने 22 मार्च एवं 11 मई को राज्य सरकार को पत्र लिखा जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के तीन निर्णयों को उद्धृत किया जिसमें विशेष आयोग गठित कर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर स्थानीय निकाय चुनाव कराने का निर्देश है।इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार से परामर्श मांगा गया था।

भाजपा के वरिष्ठ नेता मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में उपरोक्त आधार पर स्थानीय चुनाव पर न्यायालय ने रोक लगा दिया था।इसके बावजूद नीतीश कुमार के दबाव में एजी को अपनी राय बदलनी पड़ी, परंतु राज्य निर्वाचन आयोग अपने पत्र पर अडिग था।नीतीश कुमार ने दिल्ली से वकीलों की टीम पर करोड़ों खर्च किया परंतु राज्य सरकार के न्यायालय में विरोधाभासी रुख के कारण चुनाव स्थगित हो गया। इस पूरे प्रकरण में नीतीश कुमार का अति पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हो गया है।अब उन्हें अति पिछड़ों से ज्यादा माई पर भरोसा है।

सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जानते हैं कि बिहार के अति पिछड़ा नरेन्द्र मोदी साथ है। इस कारण उन्हें अब अति पिछड़ों की चिंता नहीं है। बिहार के अति पिछड़ा एवं अन्य नीतीश कुमार के कारण मेयर/डिप्टी मेयर बनने से वंचित हो गए। बिहार के अति पिछड़ों एवं अन्य का करोड़ों का चुनाव प्रचार में जो नुकसान हुआ इसकी भरपाई राज्य सरकार करें भाजपा की यह मांग है।

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