मिजोरम के सीएम ने कहा, सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना सिर्फ समय की बात
-असम के दो मंत्रियों के साथ मिजोरम के मुख्यमंत्री ने की चर्चा
आइजोल, 10 अगस्त। दशकों पुराने अंतरराज्यीय सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया जाएगा। सीमा समस्या का समाधान सिर्फ समय की बात है। मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने असम के दो मंत्रियों के साथ बुधवार को आइजोल में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए इसकी जानकारी दी।
असम सरकार के दो मंत्री अंतरराज्यीय सीमा मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर एक दिन पहले मंगलवार को मिजोरम की राजधानी आइजोल पहुंचे थे। आइजोल में महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय सीमा बैठक संपन्न करने के बाद असम के दोनों मंत्रियों सीमा क्षेत्र विकास मंत्री अतुल बोरा और शहरी विकास मंत्री अशोक सिंघल ने बुधवार सुबह मुख्यमंत्री जोरामथंगा से उनके आधिकारिक आवास पर शिष्टाचार भेंट की। दोनों राज्यों के नेताओं ने सीमा पर कल की बैठक में लिए गए फैसलों और अगले कदमों पर संक्षिप्त चर्चा की। बाद में मुख्यमंत्री ने बाहर आकर असम के मंत्री अतुल बोरा और अशोक सिंघल, मिजोरम के गृह मंत्री लाल चमलियाना और असम के सीमा सुरक्षा एवं विकास विभाग के आयुक्त-सचिव ज्ञानेंद्रदेव त्रिपाठी के साथ सीमा संबंधी मुद्दों पर दोनों तरफ से पत्रकारों को जानकारी दी।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में असम के प्रतिनिधिमंडल और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने दशकों से चल रहे सीमा मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। जोरामथांगा ने कहा कि असम और मिजोरम दोनों शांति की ओर बढ़ रहे हैं। वे सीमा हिंसा के उन काले अध्यायों को भूलना चाहते हैं जो अतीत में हुए हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि अतीत में हुई घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं और वह भविष्य में इसे नहीं दोहराने का ध्यान रखेंगी। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि असम के साथ “हमारी अच्छी समझ है।”
मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा, “सीमा मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए यह केवल समय की बात है।” उन्होंने कहा, ”हम विकास और शांति के लिए बातचीत में तेजी लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कल की बैठक को सफल बताया। यह पूछे जाने पर कि क्या भविष्य में सीमा विवाद पर असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा के साथ बातचीत की कोई संभावना है, जोरामथंगा ने कहा, “निश्चित रूप से, बातचीत होगी। हालांकि, हम इस महीने (अगस्त) या सितंबर में दिल्ली में मिल सकते हैं। जब मैं दिल्ली जाऊंगा तो हिमंत जी को बता दूंगा।”
असम के मंत्री अतुल बोरा ने कहा, ‘कल की बैठक और मुख्यमंत्री के साथ आज की बैठक काफी सकारात्मक रही। दोनों मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में गुवाहाटी में अक्टूबर में फिर से एक उच्च स्तरीय बैठक होगी। मुख्यमंत्री (असम) डॉ. सरमा मेघालय और अरुणाचल प्रदेश की तरह मिजोरम के अंतरराज्यीय सीमा मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।’
अशोक सिंघल ने कहा, ‘हमें यह भूल जाना चाहिए कि अतीत में क्या हुआ था। हमें सकारात्मक विकास की उम्मीद करनी होगी ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों के दोनों ओर शांति और सद्भाव बना रहे। कल दोनों राज्यों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने इस वर्ष अक्तूबर में गुवाहाटी में अगले दौर की बैठक आयोजित करने का फैसला किया था। बैठक में सीमा के मुद्दों और मांगों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।’
कल की बैठक में असम और मिजोरम ने अंतरराज्यीय सीमा पर खेती और कृषि सहित आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने पर सहमति जताई। दोनों राज्यों के संबंधित जिला मजिस्ट्रेट को सूचित किया और वन नियमों के अधीन अंतरराज्यीय सीमा पर रहने वालों की गतिविधियों में कोई व्यवधान नहीं होने के पक्ष में बैठक में लिए गए निर्णय को मंजूर किया गया। पिछले साल 2021 में 5 अगस्त को दोनों राज्य प्रशासनों के संयुक्त बयान की पुष्टि करने के लिए, असम और मिजोरम दोनों ने शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सीमा पर किसी भी अप्रिय घटना को रोकने पर सहमति व्यक्त की है।
मंगलवार की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि दोनों राज्यों के सीमावर्ती जिला मजिस्ट्रेट दो महीने में कम से कम एक बार आमने-सामने बैठकर संबंधित सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में पूछताछ करेंगे।