हरियाणा

जल संसाधन के क्षेत्र में हरियाणा और इजराइल मिलकर करेंगे काम: मनोहर लाल

जल संसाधन पर इजराइली प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की

चंडीगढ़, 26 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जल संसाधन के क्षेत्र में हरियाणा और इजराइल मिलकर काम करेंगे। हरियाणा में घटते जलस्तर और इजराइल में कम पानी की समस्या है, ऐसे में दोनों मिलकर तकनीक व अन्य विषयों पर काम कर सकते हैं। इससे हरियाणा व इजराइल में पानी से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है।

मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने निवास स्थान पर जल संसाधन को लेकर इजराइल के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात करते हुए बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में जलस्तर तेजी से गिर रहा है, ऐसे में प्रदेश सरकार पानी बचाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसके लिए हरियाणा सरकार ने हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन और प्रबंधन) प्राधिकरण बनाया है, जिसके तहत प्रदेश के 18 हजार तालाबों के जीर्णोद्धार का जिम्मा उठाया गया है।

इन तालाबों की सफाई के साथ-साथ इन्हे डिशिल्ट भी किया जा रहा है, ताकि भूमि में पानी ज्यादा से ज्यादा रीचार्ज हो। इसके साथ-साथ प्रदेशभर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लॉट (एसटीपी) लगाए जा रहे हैं। इन एसटीपी के पानी को खेती, निर्माण और घरों में गार्डनिंग के लिए उपयोग करने पर जोर दिया जा रहा है। खेती में ड्रिप इरीगेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इजराइल और हरियाणा दोनों पानी की चुनौती को समझते हैं। मुझे लगता है कि हमें मिलकर काम करने की जरूरत है। इजराइल पहले ही हरियाणा के साथ कृषि और बागवानी के क्षेत्र में सहयोग कर रहा है। हरियाणा में इंडो इजराइल सहयोग के चार उत्कृष्टता केंद्र चल रहे हैं और पांचवां केंद्र भिवानी में बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को एक टास्क फोर्स बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों को एक दूसरे की तकनीक, आविष्कार और चुनौतियों से सीखने की जरूरत है। इसके लिए टास्क फोर्स काम करे। मुख्यमंत्री ने इजराइल के प्रतिनिधिमंडल का आह्वान किया कि वे ऐसे प्रोजेक्ट व प्लान हरियाणा में लेकर आएं जिससे पानी का सही इस्तेमाल किया जा सके और कम पानी में भी भूमि की उपजाऊ शक्ति को कायम रखा जा सके।

इजराइल के पूर्व मंत्री एवं मेकोरोट के चेयरमैन अरोनोविच ईत्सहाक ने कहा कि इजराइल जल संसाधन में अग्रणी देश है। कम पानी होने के बावजूद यहां अच्छे जल प्रबंधन से खेती की जा रही है। हम चाहते हैं कि इजराइल की तकनीक व अन्य संसाधनों के माध्यम से हरियाणा को टिकाऊ जल प्रबंधन एवं संसाधन का समाधान दिया जा सके। बाढ़, सूखे, वाटर रिचार्जिंग आदि की स्थिति से कैसे निपटा इसके लिए अच्छे प्लान तैयार किए जाएं।

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