राष्ट्रीय

महिला ने दोस्त को इच्छा मृत्यु के लिए स्विट्जरलैंड जाने से रोकने के लिए दायर याचिका वापस ली

नई दिल्ली, 18 अगस्त। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महिला को अपने दोस्त को उसकी असाध्य बीमारी की वजह से इच्छा मृत्यु के लिए स्विट्जरलैंड जाने से रोकने की मांग करने वाली याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी है। याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच को बताया कि उसके दोस्त को जबसे इस याचिका के बारे में पता चला है उसे गहरा मानसिक आघात लगा है। इसलिए याचिकाकर्ता ने यह याचिका वापस लेने की मांग की जिस पर कोर्ट ने याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

बेंगलुरू की रहने वाली 49 वर्षीय महिला ने याचिका में केंद्र सरकार को ‘मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस’ से पीड़ित करीब 50 वर्षीय अपने मित्र को आव्रजन मंजूरी नहीं देने का निर्देश देने की मांग की थी। याचिकाकर्ता ने वकील सुभाषचंद्र केआर के जरिए दायर याचिका में कहा था कि उसका मित्र अपने इलाज के बहाने आत्महत्या करने के इरादे से स्विट्जरलैंड जाना चाहता है। याचिकाकर्ता के दोस्त में 2014 में पहली बार मायलजिक एन्सेफेलोमाइलाइटिस बीमारी के लक्षण उभरे थे। यह एक प्रकार की जटिल, दुर्बल करने वाली और लंबी अवधि तक थकान का कारण बनने वाली तंत्रिका संबंधी बीमारी है। याचिकाकर्ता के मित्र का पहले एम्स में इलाज चल रहा था, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इलाज जारी नहीं रह सका।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि उसके मित्र को भारत में या विदेश में बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए कोई आर्थिक बाधा नहीं है, लेकिन अब वह इच्छा मृत्यु के लिए विदेश जाने के अपने फैसले पर अड़ा हुआ है। उसके इस फैसले से उसके बुजुर्ग माता-पिता का जीवन बुरी तरह प्रभावित है। याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता के दोस्त की स्थिति में सुधार की अब भी उम्मीद बची हुई है। याचिका में मांग की गई थी कि केंद्र सरकार को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करने का निर्देश दिया जाए, ताकि उसके मित्र की चिकित्सा स्थिति की जांच की जा सके और उसे आवश्यक चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker