धार्मिक कट्टरता , निजता की जीवनशैली , एवं दिखावटी जीवनशैली युवा पथभ्रष्टता का मुख्य कारण :- जयवीर गहलावत
सोनीपत मानव अधिकार सरंक्षण संघ द्वारा मासिक सभा का आयोजन आयोजन किया गया । जिसमें समाज के ज्वलंत विषय सिद्दू मुसेवाला एवं धार्मिक कट्टरता के कारण लगातार देश में हो रही हिंसा पर विचार विमर्श किया । सभा के अध्यक्ष मास्टर सूबे सिंह गहलावत ने कहा वर्तमान के भौतिकवाद भागदौड़ जीवन में परिजन अपने बच्चों को उचित समय ना देने का कारण भी युवाओं में संस्कार और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को नही समझ पाते ।श्री भगवान गुप्ता ने कहा सोशल मीडिया पर अपराध से जुड़े लोगों को युवाओं द्वारा बड़े स्तर अनुसरण किया जाता हैं । जो एक चिंता का विषय हैं । डॉ. सुभाष सिसोदिया ने कहा के परिवरिश बहुत गंभीर मुद्दा हैं इसको केवल परिजनों तक समिति नही किया जाता । बच्चों की परिवरिश धार्मिक प्रसासनिक एवं समाज की अहम भूमिका होती हैं । युवाओं को अगर किसी भी पक्ष से निराशा हाथ लगती हैं तो युवाओं के पथभ्रष्ट होने की परिस्थितियों का निर्माण होता हैं । शीलकराम मलिक ने कहा कि वर्तमान की जीवनशैली निजी होती जा रही हैं ।जिस कारण से युवाओं की सामाजिक गतिविधियों में दिलचस्पी कम होती जा रही हैं । संघ के कानूनी सलाहकार अधिवक्ता सौरभ सचदेवा ने कहा कि अक्सर न्याय में देरी भी हिंसा का मुख्य कारण होती हैं । संघ के द्वारा मानव अधिकारों के हनन के मामलों में पीड़ित पक्ष को निःशुल्क कानूनी सहायता भी की जाती हैं। संघ के अध्यक्ष जयवीर गहलावत कहाँ कि युवाओं में बदलाव लाने के लिए ज़मीनी स्तर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया हैं । विश्व बालश्रम दिवस पर बोलते हुए कहा कि हर साल 12 जून को दुनिया भर के लगभग 100 देशों में विश्व बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. अध्यनों के अनुसार, विश्व स्तर पर 14 वर्ष के बच्चों में हर दस में से एक बच्चा काम करने के लिए मजबूर है।
इस सभा में रणसिंह राणा , हेमन्त नांदल , समाजसेवी दिलबाग सिंह,पहलवान हवासिंह ,सुशील गोयल एवं नरेंद्र डाका आदि उपस्थित रहे हैं ।