राष्ट्रीय

उप्र में मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

लखनऊ, 21 जनवरी। मौनी अमावस्या के पर्व पर उत्तर प्रदेश की पवित्र नदियों में करोड़ों श्रद्धालुओं ने शनिवार को पुण्य की डुबकी लगाई। तीर्थराज प्रयाग में चल रहे माघ मेले में जहां दो करोड़ से अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया, वहीं लाखों श्रद्धालुओं ने वाराणसी, अयोध्या, मथुरा, लखनऊ और गोरखपुर समेत राज्य के अन्य नगरों में प्रवाहित हो रहीं पवित्र नदियों में डुबकी लगाकर दान पुण्य का लाभ कमाया।

प्रयागराज में संगम की रेती पर चल रहे माघ मेले में तो मौनी अमावस्या के अवसर पर श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। प्रतिकूल मौसम के बावजूद भोर से ही स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। मेला प्रशासन के अनुसार शाम छह बजे तक संगम समेत 17 स्नान घाटों पर 2.09 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रयागराज माघ मेले के मुख्य स्नान पर्व मौनी अमावस्या के दिन श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा भी कराई गई।

उधर, वाराणसी में गंगा के विभिन्न घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर दुर्लभ संयोग खप्पर योग में मौन रह पुण्य की डुबकी लगाई। लोगों ने घाटों पर दान पुण्य के बाद काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा के दरबार में भी हाजिरी लगाई। स्नान पर्व पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए दिन भर लम्बी कतारें लगी रहीं। स्नान के लिए सबसे ज्यादा भीड़ प्राचीन दशाश्वमेध घाट, शीतला घाट, तुलसी घाट, पचगंगा घाट, रीवा घाट, अस्सी, गाय घाट, राजघाट, भैंसासुर घाट, खिड़किया घाट और सामनेघाट पर रही।

अयोध्या संवाददाता से मिली जानकारी के अनुसार मौनी अमावस्या के पर्व पर राम नगरी में आज भोर से ही श्रद्धालु पवित्र सरयू में डुबकी लगाते रहे। स्नान-दान के बाद वहां भक्तों ने हनुमान गढ़ी और रामलला के मंदिर में जाकर दर्शन और पूजन भी किया। मान्यता है कि प्रयागराज में मौनी अमावस्या के स्नान करने के बाद तमाम श्रद्धालु अयोध्या पहुंचते हैं और सरयू में भी पूण्य की डुबकी लगाते हैं। ऐसे अमावस्या का स्नान अयोध्या में रविवार को भी जारी रहेगा।

वहीं मथुरा प्रतिनिधि ने बताया कि कृष्ण नगरी में भी मौनी अमावस्या के पर्व पर काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने यमुना में स्नान कर दान का पुण्य लाभ कमाया। इसी तरह हमीरपुर जिले में मौनी अमावस्या पर शनिवार को वहां यमुना और बेतवा नदी के संगम पर हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। स्नान करने के बाद यमुना नदी किनारे ऐतिहासिक संगमेश्वर मंदिर में जलाभिषेक किया गया। स्थानीय पतालेश्वर मंदिर में भी पूजा का दौर देर शाम तक जारी रहा।

मीरजापुर संवादाता ने बताया कि वहां गंगा तट से लेकर मां विंध्यवासिनी के आंगन तक आज आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। आस्था, भक्ति और विश्वास की त्रिवेणी में डुबकी लगाकर जीवन धन्य बनाने के लिए हर कोई आतुर था। ठंड भी आस्था के कदमों को डिगा नहीं सकी। विंध्यधाम में उमड़े जनसैलाब के बीच आस्था की अनंत बूंदों में भक्ति भावना एकाकार हो गई। मौनी अमावस्या पर वहां एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा की गोद में आस्था की डुबकी लगाई और दान-पुण्य भी किया।

राजधानी लखनऊ और पवित्र तीर्थ नैमिषारण्य में श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या के दिन गोमती नदी में स्नान किया। वहीं कानपुर में गंगा स्नान और गोरखपुर में मौनी अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं ने राप्ती और सरयू नदी में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ कमाया। इस दौरान स्नान घाट जयकारों से गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद दान का भी पुण्य लिया।

शनिश्चरी अमावस्या के कारण बढ़ा माहात्म्य

माघ महीने में और मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य का विशेष महत्व है, लेकिन इस बार शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसका माहात्म्य और बढ़ गया। ज्योतिषाचार्य डॉ ओम प्रकाशाचार्य कहते हैं कि शनिश्चरी अमावस्या के दिन स्नान-दान करने से पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। इस दिन पितरों का श्राद्ध तर्पण भी होता है। इसको करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार वर्ष में कुल 12 अमावस्या होती है। इसमें से मौनी अमावस्या का अपना खास महत्व है। मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर स्नान और दान करने का विशेष महत्व माना गया है।

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