कुष्ठ रोगी सामान्य व्यक्तियों की तरह रह सकता है सभी के साथ : डाॅ महेश कुमार
कानपुर, 02 अक्टूबर। महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर रविवार को कुष्ठ रोगियों के लिए लच्छनियापुरवा गांव में निःशुल्क जांच जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान जिला कुष्ठ नाभिकीय टीम द्वारा मरीजों के बीच फल वितरण भी किया गया एवं मरीजों को कुष्ठ रोग के कारण, लक्षण व बचाव के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी देने के लिए जागरुकता रैली भी निकाली गई। कुष्ठ रोगियों से भेदभाव न करने व उनका दिल से सम्मान की शपथ भी दिलाई गई।
जिला कुष्ठ अधिकारी डाॅ महेश कुमार ने महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर कहा कि कुष्ठ रोगी सामान्य व्यक्तियों की तरह सभी के साथ रह सकता है। इसका इलाज पूरी तरह सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क उपलब्ध है, जिससे कुष्ठ रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। बताया कि राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम का वर्तमान फोकस भारत को कुष्ठ रोग से मुक्त करने का है ताकि समाज में सभी कुष्ठ रोगियों की अतिशीघ्र खोजकर उपचार को पूरा कर देश को रोगमुक्त कराना है।
जिला कुष्ठ रोग समन्वयक डाॅ संजय ने बताया कि त्वचा पर हल्के रंग के या तांबिया रंग के दाग-धब्बे जो कि सुन्नपन लिए हो, ठंडा-गरम महसूस नहीं होता हो, नसों में दर्द, हाथ-पैर व पलकों की कमजोरी, हाथ व पैरों पर घाव कुष्ठ रोग हो सकता है। बीमारी का समय से इलाज कुष्ठ रोग से मुक्ति व दिव्यांगता से बचा जा सकता है। इस दौरान कुष्ठ रोग विभाग के समस्त अधिकारी व अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।