रुहानियत और इन्सानियत से ही बन सकता है पूर्ण इन्सान : माता सुदीक्षा जी महाराज
सत्गुरु माता सुदीक्षा व उनके जीवनसाथी राजपिता रमित सेवादल रैली के दौरान समागम में आगमन करते हुए एंव सत्गुरु माता सुदीक्षा प्रवचन करते हुए।
गन्नौर। रुहानियत और इन्सानियत से ही हम पूर्ण इन्सान बन सकते हैं। ये उदगार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का विधिवत शुभारंभ करते हुए मानवता के नाम संदेश में व्यक्त किए। यह चार दिवसीय समागम निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर आयोजित किया गया है जिसमें देश एवं दूर देशों से समाज के विभिन्न स्तरों के श्रद्धालु भक्त एवं प्रभु प्रेमी सज्जन लाखों की संख्या में सम्मिलित हुए। सत्गुरु माता जी ने अपने संदेश में कहा कि लगभग दो वर्ष के पश्चात आज यहां देश विदेश से भक्तजन, संतजन एकत्रित हुए हैं। क्योंकि कोविड महामारी के दौरान इन्सान का इन्सान से मिलना-जुलना सम्भव नहीं हो पा रहा था। संत हर समय मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। सत्गुरु माता जी ने आगे कहा कि कोविड महामारी के अलावा युद्ध की स्थिति से भी मानव के दिलों में नफÞरत की भावनायें बढ़ी हैं जिसके कारण मानव-मानव के बीच दीवारें बनी हैं, जिन्हें प्यार के पुल बना कर ही गिराया जा सकता है।