उत्तर प्रदेश

 परिवार नियोजन में पुरुष भी निभाएं जिम्मेदारी: सीएमओ

—महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी सरल और सुरक्षित

वाराणसी, 22 नवम्बर । जिले में चल रहे पुरुष नसबंदी पखवाड़ा में आशा कार्यकर्ता दंपति को परिवार नियोजन के स्थायी साधनों को लेकर लगातार जागरूक कर रही हैं। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के प्रयास और सहयोगी संस्थाओं के समन्वय से अब परिवार नियोजन कार्यक्रम में बेहतर उपलब्धि दिखाई देने लगी है। इस वर्ष अप्रैल से अभी 71 पुरुष नसबंदी और 3,671 महिला नसबंदी की जा चुकी हैं।

मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम और जनसंख्या स्थिरीकरण पर सरकार निरंतर प्रयास कर रही है । इसी के मद्देनजर पुरुष और महिला नसबंदी कराने वाले लाभार्थियों को मिलने वाली प्रतिपूर्ति राशि को भी बढ़ाया जा चुका है ।

उन्होंने बताया कि जहां पहले पुरुष नसबंदी पर 2000 रुपये और महिला नसबंदी पर 1400 रुपये दिये जाते हैं। वहीं ,अब इसको बढ़ाकर पुरुष नसबंदी पर 3000 और महिला नसबंदी पर 2000 रुपये कर दिया गया है। साथ ही लाभार्थियों को प्रेरित और प्रोत्साहित करने वाली आशा कार्यर्ताओं को पुरुष नसबंदी पर 400 रुपये और महिला नसबंदी पर 300 रुपये दिये जा रहे हैं ।

सीएमओ ने बताया कि पुरुष नसबंदी को लेकर जनपद में प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता है। महिला नसबंदी की तुलना में पुरुष नसबंदी बेहद सरल, सुरक्षित और आसान प्रक्रिया है। 10 -15 मिनट होने वाले इस ऑपरेशन के बाद लाभार्थी चलकर अपने घर जा सकता है । जबकि महिला नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को पूरी तरह स्वस्थ होने में एक माह लगता है। सीएमओ ने जनपद वासियों से अपील की है कि जिनके दो बच्चे हो चुके हैं, परिवार पूरा हो चुका हो और वह आगे कोई बच्चा नहीं चाहते हों तो इसके लिए पुरुष समझदारी दिखाकर नसबंदी के लिए आगे आएं और अपने जीवनसाथी और परिवार को खुशहाल बनाएं।

—पुरुष नसबंदी चंद मिनट में होने वाली आसान शल्यक्रिया

परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य ने बताया कि पुरुष नसबंदी चंद मिनट में होने वाली आसान शल्य क्रिया है । यह 99.5 फीसदी सफल है । इससे यौन क्षमता पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ता है । उनका कहना है कि इस तरह यदि पति-पत्नी में किसी एक को नसबंदी की सेवा अपनाने के बारे में तय करना है तो उन्हें यह जानना जरूरी है कि महिला नसबंदी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी बेहद आसान है और जटिलता की गुंजाइश भी कम है । पुरुष नसबंदी होने के कम से कम तीन महीने तक कंडोम का प्रयोग करना चाहिए, जब तक शुक्राणु पूरे प्रजनन तंत्र से खत्म न हो जाएं । नसबंदी के तीन महीने के बाद वीर्य की जांच करानी चाहिए । जांच में शुक्राणु न पाए जाने की दशा में ही नसबंदी को सफल माना जाता है ।

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