शैक्षणिक कैरियर को चौपट करने पर तुली है मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन : अभाविप
बेगूसराय, 09 सितम्बर। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के प्रवेश पत्र (एडमिट कार्ड) में बड़े पैमाने पर किए जा रहे थे गलती के विरोध में शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पुतला दहन किया गया।
मौके पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के द्वारा विद्यार्थी परिषद के कई आंदोलनों एवं प्रदर्शनों के बाद स्नातक तृतीय खंड की परीक्षा आयोजित करने की बात की गई एवं इसकी तिथि 12 सितम्बर तय की गई। विश्वविद्यालय प्रशासन आनन-फानन में बचे हुए छात्र-छात्राओं का परीक्षा फॉर्म ऑफलाइन माध्यम से भरवा कर कर्मचारियों की कमी के बीच शीघ्र एडमिट कार्ड जारी करने में भारी त्रुटि की गई।
कई छात्र-छात्राओं के एडमिट कार्ड पर परीक्षा की तिथि वर्ष 2024 अंकित की गई है, कई छात्र-छात्राओं के एडमिट कार्ड वर्ष 2023 अंकित की गई है। छात्र-छात्राओं के फोटो में भी बड़े स्तर पर त्रुटि है, आश्चर्य की बात यह है कि एक छात्र के प्रवेश पत्र पर राज्यपाल फागू चौहान की तस्वीर छपी हुई है, जो शिक्षा व्यवस्था के नकारापन का प्रतीक है।
पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अजीत चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन आए दिन शैक्षणिक गुणवत्ता को अंतिम पायदान पर रखकर विश्वविद्यालय चला रही है, यह सबों के लिए शर्म की बात है। विशेषकर तमाम छात्र संगठनों को इसके लिए जोरदार आंदोलन करने की जरूरत है। जिला संयोजक सोनू सरकार एवं नगर मंत्री पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि जीडी कॉलेज के छात्र के प्रवेश पत्र पर राज्यपाल का तस्वीर छपा हुआ है।
इस संबंध में परीक्षा नियंत्रक सहित कोई भी पदाधिकारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। जिले की समस्याओं को लेकर कई बार हम लोगों ने कुलपति, कुलसचिव, डीएसडब्ल्यू, परीक्षा नियंत्रक सभी से आग्रह विनती एवं आंदोलन का रास्ता अपनाया, लेकिन सुधार की किसी भी प्रकार की गुंजाइश नहीं दिख रही है। यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि तथा छात्र संगठनों को मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी के खिलाफ सड़क पर जंग लड़ना चाहिए।
प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य आदित्य राज एवं जिला एसएफडी प्रमुख अंशु कुमार ने कहा कि विद्यार्थी परिषद छात्र हितों के मुद्दे पर मिथिला विश्वविद्यालय प्रशासन का घेराव कर चुकी है, जिस पर कुलपति ने समस्या समाधान के लिए वार्ता भी किया, लेकिन आज तक उसका प्रभाव नहीं दिखा है। जीडी कॉलेज इकाई अध्यक्ष कुमार अमन एवं कार्यालय मंत्री अजीत कुमार ने कहा कि छात्र-छात्रा छोटी समस्याओं के लिए भी विश्वविद्यालय का चक्कर लगाते हैं और वहां के पदाधिकारी तथा कर्मचारी मानसिक एवं शारीरिक शोषण करते हैं, जिस पर जिले के जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं जाता है। छात्र नेता राज दीपक गुप्ता एवं नगर सह मंत्री शुभम कुमार ने कहा कि बेगूसराय जिला अब अपने बदहाली को लेकर कहां जाए, यह समझ से परे है।