बरसात होते ही धान की रोपाई में जुटा किसान
धान लगाने के लिए खेत को तैयार करता किसान।
बापौली वैसे तो किसानों ने 15 जून से धान लगानी शुरू कर दी है और रोपाई के लिए ग्रामीण मजूदरों के साथ-साथ प्रवासी मजूदरों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। हर साल क्षेत्र के विभिन्न गांवों में सैकडों प्रवासी मजदूर धान रोपाई के लिए आते है। जिसके रहने का प्रबंध जमीदार की तरफ से ही किया जाता है। गांवों में मजदूर नो मिलने से किसानों को मजबूरन प्रवासी मजदूरों का सहारा लेना पड रहा है। किसानों की मानें तो ज्यादातर किसान प्रवासी मजूदरों से काम लेना पसंद करते है। क्योकि ग्रामीण मजदूरों के बजाय कम दाम में कार्य कर देते है। अगर ग्रामीण मजदूर एक एकड़ की रोपाई 5 हजार लेता है तो वही प्रवासी मजूदर 4500 तक खेत को लगा देता है। बरसात होते ही किसानों ने धान के लिए खेतों को तैयार करना शुरू कर दिया है।