यूपी की हर नब्ज से वाकिफ हैं भाजपा के नवनियुक्त संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह
लखनऊ, 10 अगस्त। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव-2022 के संपन्न होने के बाद यह तय हो गया था कि पार्टी सुनील बंसल को केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी देने वाली है, लेकिन उनके विकल्प की जब तलाश शुरू हुई तो कोई नाम फिट नहीं बैठ पा रहा था। क्योंकि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और यहां पर हर जोन के अपने अलग-अलग राजनीतिक मुद्दे होते हैं, इसलिए यहां पर अलग-अलग रणनीति बनानी पड़ती है। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में ऐसा व्यक्ति चाहिए था जो प्रदेश को बखूबी समझता हो। अंततः केंद्रीय नेतृत्व की नजर झारखंड भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह पर पड़ी। उत्तर प्रदेश में उन्होंने लंबे समय तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के संगठन मंत्री के रूप में कार्य किया है। वह प्रदेश की हर नब्ज से वाकिफ हैं।
उत्तर प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह मूलरूप से बिजनौर जिले के निवासी हैं। वर्ष 1990 में वह अभाविप में पूर्णकालिक बने। सबसे पहले उन्हें देहरादून का जिला संगठन मंत्री बनाकर भेजा गया। इसके बाद उन्हें अभाविप के कार्य के लिए मेरठ भेजा गया। मेरठ के बाद उनका केंद्र आगरा रहा। धर्मपाल सिंह अभाविप पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र (ब्रज प्रांत, मेरठ, उत्तराखंड) के क्षेत्र संगठन मंत्री रहे। इसके बाद उनको पश्चिमी उत्तर के साथ-साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र का संगठन मंत्री बनाकर लखनऊ भेजा गया। इस दौरान धर्मपाल सिंह ने पूरे प्रदेश का दौरा कर अभाविप के कार्य को गति प्रदान की।
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों में संघ की योजना से भाजपा के लिए काम किया। जुलाई 2017 में झारखंड में भाजपा के संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गयी। धर्मपाल ने झारखण्ड में पहली बार नगर निगमों, जिला परिषदों में भाजपा को जीत दिलाई।
यूपी विधान सभा चुनाव में भाजपा की जीत में रही है बड़ी भूमिका
भाजपा के नवनियुक्त प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने वर्ष 2017 के चुनाव में भी परदे की पीछे रहकर अहम भूमिका निभाई थी। इसके लिए उन्होंने अभाविप के नेतृत्व में छात्रों का एक बड़ा कार्यक्रम किया था। जब वह झारखंड के संगठन मंत्री थे उस समय 2020 में बिहार विधान सभा चुनाव था। बिहार विधान सभा चुनाव में भी धर्मपाल सिंह ने अहम भूमिका निभाई और पार्टी को जीत दिलाई। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव-2022 के लिए पार्टी ने धर्मपाल सिंह को पूर्वांचल का जिम्मा सौंपा था। धर्मपाल सिंह ने मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डेरा डालकर पूर्वांचल की विधानसभा सीटों पर फोकस किया और पार्टी को जीत दिलाई।
यूपी से नागेन्द्र पहुंचे झारखंड तो झारखंड से धर्मपाल आये यूपी
उत्तर प्रदेश में अभाविप से भाजपा में संगठन मंत्री की भूमिका निभाने वालों में नागेन्द्र त्रिपाठी के बाद दूसरा नाम धर्मपाल सिंह का जुड़ गया है। नागेन्द्र जी भी जब भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री बनाये गये उस समय वह अभाविप के पूर्वी और पश्चिमी दोनों क्षेत्र के संगठन मंत्री थे। इसी तरह धर्मपाल भी दोनों क्षेत्रों के संगठन मंत्री रहे हैं। नागेन्द्र जी उत्तर प्रदेश के बाद बिहार और अब झारखंड पहुंच चुके हैं तो झारखंड से धर्मपाल अब उत्तर प्रदेश वापस आ चुके हैं।
मिलनसार व्यक्तित्व के धनी धर्मपाल
मेकैनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक 53 वर्षीय धर्मपाल सिंह बेहद मिलनसार और सरल व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्हें संगठन के कार्यकर्ताओं की परख है। सभी कार्यकर्ताओं से वह सहजता से मिलते हैं और कार्यकर्ताओं की बात भी सुनते हैं। संगठन के छोटे से छोटे कार्यकर्ता की वह चिंता करते हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में उनके चाहने वाले कार्यकर्ता प्रदेश के सभी स्थानों पर मिल जाएंगे। अभाविप में तो उनके साथ काम करने वाले कार्यकर्ताओं की तो एक लंबी फौज है।